सर डॉन ब्रैडमैन ने 22 साल के सचिन तेंदुलकर की तारीफ में कही थी यह बात, मास्टर ब्लास्टर ने किया याद
महान सचिन तेंदुलकर को अपने लंबे क्रिकेट करियर में कई तारीफें मिली, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के महान सर डॉन ब्रैडमैन ने जिस अंदाज में उनकी तारीफ की यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है. ब्रैडमैन ने जिस समय सचिन की तारीफ की थी उस समय सचिन 22 या 23 साल के रहे होंगे.
महान सचिन तेंदुलकर को भी अपने इतने लंबे क्रिकेट करियर में कई तारीफों के साथ कुछ कड़ी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है. एक विलक्षण प्रतिभा वाले बच्चे से लेकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनने तक सचिन ने अपने करियर में दिल टूटना, जीत, सफलता, चोट, तारीफ और कई आलोचनाओं का सामना किया. उन्होंने वह देखा है जो भारतीय क्रिकेट में किसी के पास नहीं है. सचिन आज भी दुनियाभर के बल्लेबाजों के लिए एक आदर्श हैं. ऐसे ही नहीं सर डॉन ब्रेडमैन ने उनकी जमकर तारीफ की थी.
90 के दशक में शीर्ष पर पहुंचे सचिन
1990 के दशक में सचिन तेंदुलकर ने सफलता की सीढ़ी चढ़नी जो शुरू की तो वह रूके नहीं. जैसे ही उन्होंने गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त किया, दुनिया ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया. न केवल भारत से, बल्कि दुनिया भर से प्रशंसा और तारीफों की झड़ी लग गयी. सचिन सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गये और अपनी पीढ़ी के दुनिया के सबसे महान बल्लेबाज बन गये. भारत को महान गावस्कर का उत्तराधिकारी मिल गया था और वह अब रुकने वाला नहीं था. केवल अपने दूसरे विश्व कप में तेंदुलकर 523 रन बनाकर टूर्नामेंट के सर्वोच्च स्कोरर रहे.
Also Read: Cricket Story: सचिन तेंदुलकर ने भारत से पहले पाकिस्तान के लिए खेला था मैच,पढ़े दिलचस्प स्टोरी
सचिन को डॉन ने खुद के जैसा बताया
इसके अगले ही साल दुनिया के सबसे महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने सचिन को देखकर कहा कि इसमें मैं खुद को देखता हूं. ब्रैडमैन ने कहा था कि मैंने उसे टेलीविजन पर खेलते हुए देखा और उसकी तकनीक से चकित हो गया. मैंने अपनी पत्नी को उसे देखने के लिए बुलाया. क्योंकि मैंने खुद को कभी खेलते हुए नहीं देखा, लेकिन मुझे लगता है कि यह खिलाड़ी उतना ही अच्छा खेल रहा है जितना मैं खेलता था. उसकी कॉम्पैक्टनेस, तकनीक, स्ट्रोक प्रोडक्शन… यह सब एक जैसा लग रहा था.
डॉन ब्रैडमैन से तारीफ सचिन के लिए गोल्ड से कम नहीं
इस बयान के करीब 26 साल बाद तेंदुलकर ने खुद डॉन की उस विनम्र प्रशंसा पर खुलकर बात की है. ब्रैडमैन के शब्दों को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि उनके जैसे युवा खिलाड़ी के लिए यह गोल्ड से कम नहीं था. हालांकि, सचिन ने उन समानताओं के बारे में बात करने से परहेज किया जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई महान ने छुआ था. सचिन ने याद किया कि उस समय मैं 22 या 23 साल का था. उनसे यह सब सुनना मेरे लिए किसी गोल्ड से कम नहीं था.