बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly ) और सचिव जय शाह (Jay Shah) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दोनों अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों के कार्यकाल को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.
बीसीसीआई के संविधान में संशोधन को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बीसीसीआई के संविधान में संशोधन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के संविधान में संशोधन को अपनी मंजूरी दे दी है. SC ने BCCI को अपने संविधान में संशोधन करने की अनुमति दी और कहा, हमारा विचार है कि संशोधन मूल उद्देश्य को कमजोर नहीं करेगा. हम प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार करते हैं. बीसीसीआई द्वारा प्रस्तावित संशोधन हमारे मूल निर्णय की भावना से अलग नहीं है और स्वीकार किया जाता है.
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SC allows BCCI to amend its constitution,says, "We are of the considered view that the amendment would not dilute the original objective. We accept the proposed amendment."
"Amendment proposed by BCCI doesn't detract from spirit of our original judgment& is accepted," SC says. pic.twitter.com/SQmuBBvKRP
— ANI (@ANI) September 14, 2022
कूलिंग ऑफ पीरियड से जुड़े संशोधन को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने कूलिंग ऑफ पीरियड से जुड़े संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, एक कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड की जरूरत नहीं है. हालांकि शीर्ष कोर्ट ने कहा, दो कार्यकाल के बाद ऐसा किया जा सकता है.
अगले तीन साल तक पद पर बने रहेंगे सौरव गांगुली और जय शाह
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष और जय शाह बतौर सचिव अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रहेंगे.
क्या है कूलिंग ऑफ पीरियड
बीसीसीआई ने सौरव गांगुली और जय शाह के कार्यकाल को बढ़ाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में संविधान संशोधन को लेकर याचिका दायर की थी. आइये जानते हैं कि कूलिंग ऑफ पीरियड क्या होता है. दरअसल बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, एक पदाधिकारी को राज्य संघ या बीसीसीआई या दोनों संयुक्त रूप से, के लगातार दो कार्यकालों के बीच तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि से गुजरना पड़ता था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संविधान में संशोधन किया जाएगा. जिसमें लगातार दो कार्यकाल तक पदाधिकारी अपनी पद पर बने रहेंगे.