बीसीसीआई अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली इस समय कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है. सौरव गांगुली को शनिवार को उस समय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जब उन्हें जिम के दौरान दिल का दौरा पड़ा था. जहां उनका एंजियोप्लास्टी की गई. डॉक्टरों के अनुसार ह्रदय तक जाने वाली उनकी तीन प्रमुख धमनियों में अवरोध पाया गया था जिसे ‘ट्रिपल वेसल डिसीज’ भी कहते हैं. फिलहाल उनका स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है. डॉक्टरों की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाये हुए हैं. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के हेल्थ से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम को टीम इंडिया बनाने के लिए जाना जाता है. जब उन्हें टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था, उस समय टीम के कई खिलाड़ियों पर फिक्सिंग का आरोप लगा था, जिससे ऐसा लगने लगा था कि टीम इंडिया पूरी तरह से बिखर गयी है और उसे फिर से खड़ा हो पाना लगभग मुश्किल है. लेकिन सौरव गांगुली और कोच जोन राइट की जोड़ी ने टीम इंडिया को न केवल संभाला, बल्कि दुनिया की नंबर एक टीम भी बनाया.
ड्रेसिंग रूम से बोर्ड रूम तक पहुंचे पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का क्रिकेट प्रशासन के शीर्ष तक का सहज सफर उनके खेलने के दिनों की याद दिलाता है जब ऑफ साइड पर उनके कलात्मक खेल का कोई सानी नहीं होता था. खिलाड़ी के रूप में अपने शीर्ष दिनों के दौरान गांगुली जिस तरह सात खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद ऑफ साइड में आसानी से रन बनाकर विरोधी टीमों को हैरान कर देते थे, उसी तरह वह विश्व क्रिकेट के शीर्ष पदों में से एक बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए सभी को पछाड़ते हुए सर्वसम्मत उम्मीदवार बनकर उभरे.
साथ ही दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष तक 48 साल के गांगुली के सफर ने एक बार फिर इस कहावत को सही साबित कर दिया कि ‘एक नेतृत्वकर्ता हमेशा नेतृत्वकर्ता’ रहता है. गांगुली के अंदर नेतृत्व क्षमता नैसर्गिक रूप से थी जिन्हें 2000 में उस समय भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया जब टीम इंडिया मैच फिक्सिंग के रूप में अपने सबसे बुरे दौर में से एक का सामना कर रही थी.
गांगुली जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटे और उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए प्रतिभावान लेकिन दिशाहीन युवा खिलाड़ियों के समूह को विश्व स्तरीय टीम में बदला और साथ ही उस पीढ़ी के दिग्गजों के साथ अच्छे कामकाजी रिश्ते भी बनाए. चाहे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ उस समय की सबसे घातक सलामी जोड़ी बनाना हो या युवराज सिंह और वीरेंद्र सहवाग जैसे उभरते हुए खिलाड़ियों का समर्थन हो, गांगुली ने हमेशा अपने फैसलों पर भरोसा किया और इन्हें सहजता से लिया.
प्रिंस ऑफ कलकता, ऑफ साइड का भगवान, दादा और महाराजा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली भारत को अपनी कप्तानी में 21 टेस्ट जीताये और 2003 विश्व कप के फाइनल तक पहुंचाया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18 हजार से अधिक रन भी बनाये.
गांगुली ने टीम इंडिया के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे मैच खेले. जिसमें उन्होंने टेस्ट में 7,212 और वनडे में 11,363 रन बनाये. गांगुली ने टेस्ट में 16 शतक और 35 अर्धशतक बनाये, जबकि वनडे में 22 शतक और 72 अर्धशतक बनाये. जबकि गांगुली ने टेस्ट में 32 और वनडे में 100 विकेट चटकाये हैं.
Posted By – Arbind kumar mishra