South Africa vs Pakistan: क्रिकेट की दुनिया में एक नये टोटके ने अपना रंग जमा लिया है. स्टुअर्ट ब्रॉड द्वारा शुरू की गई यह प्रथा, एक अंधविश्वास के रूप में अपनी किस्मत बदलने के लिए बेल्स स्विच करने की आदत बनती जा रही है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024/25 के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों टीम के खिलाड़ियों ने इस टोटके को आजमाया. अब, ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के दिग्गज बाबर आजम भी इस टोटके पर भरोसा करने लगे हैं. सेंचुरियन में पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहले टेस्ट के दौरान बाबर ने बेल्स बदल दिए. इससे पहले भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यही टोटका आजमाया था.
पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका का मैच भारत के लिए अहम
बल्लेबाजी में 211 रन बनाने के बाद, पाकिस्तान की टीम दक्षिण अफ्रीका को कम स्कोर पर रोकने के इरादे से मैदान पर उतरी. तभी बाबर आजम ने अंधविश्वास के चलते बेल्स को बदल दिया. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में, भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन के बीच मजाक- मस्ती के दौरान बेल-स्विचिंग की रस्म देखने को मिली थी. उसका परिणाम भारत के लिए भी अच्छा रहा, क्योंकि बेल-स्विच के तुरंत बाद ही भारत को विकेट मिलने लगे.
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डेब्यूटेंट कॉर्बिन बॉश ने किया कमाल
पाकिस्तान के 211 रनों के जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 301 रन बनाए और अंत में 90 रनों की बढ़त हासिल की. एक समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 213/8 था, लेकिन 9वें नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे डेब्यूटेंट कॉर्बिन बॉश की 93 गेंदों में 81 रनों की पारी ने दक्षिण अफ्रीका को बड़ी बढ़त दिलाने में मदद की. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे दिन मिशेल स्टार्क ने भी यही किया. विकेट से महरूम रहने के बाद स्टार्क ने बेल-स्विचिंग की रस्म आजमाई. हालांकि, स्टार्क के लिए यह कारगर साबित नहीं हुआ.
पाकिस्तान की जीत में छुपा है भारत के क्वालीफिकेशन का राज
पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच मुकाबले की बात करें तो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 के फाइनल में जगह बनाने के लिए दक्षिण अफ्रीका को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. अगर दक्षिण अफ्रीका सीरीज जीत जाता है तो वह फाइनल में जगह बना लेगा. उनके क्वालीफाई करने से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा होगी.