तकनीक और क्रिकेट का संगम, सुंदर पिचई और सत्या नडेला बने क्रिकेट टीम के मालिक, इंग्लैंड में खरीदी टीम

The Hundred: भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों के एक संघ ने इंग्लैंड में आयोजित होने वाली द हंड्रेड लीग में टीम की फ्रेंचाइजी हासिल की है. इसमें माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला (Satya Nadela), गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai), पालो ऑल्टो नेटवर्क्स के सीईओ निकेश अरोड़ा, टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष सत्यन गजवानी, एडोब के सीईओ शांतनु नारायण, सिल्वरलेक टेक्नोलॉजी के सीईओ एगॉन डरबन, सिकोया के जिम गोएट्ज़ शामिल हैं.

By Anant Narayan Shukla | February 1, 2025 8:12 AM
an image

The Hundred: आईपीएल और दुनिया भर में लीग क्रिकेट में टी20 के बढ़चे रोमांच की वजह से अब तकनीकी दुनिया के दिग्ग्जों ने भी इसमें कूदने का निर्णय कर लिया है. शुक्रवार को अमेरिका में रहने वाले भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों के एक संघ ने द हंड्रेड की लॉर्ड्स फ्रैंचाइज लंदन स्पिरिट के 49% हिस्से के लिए बोली जीती है. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला (Satya Nadella), गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai), पालो ऑल्टो नेटवर्क्स के सीईओ निकेश अरोड़ा, टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष सत्यन गजवानी, एडोब के सीईओ शांतनु नारायण, सिल्वरलेक टेक्नोलॉजी के सीईओ एगॉन डरबन, सिकोया के जिम गोएट्ज और दो अन्य लोग उस संघ का हिस्सा हैं जिसने शुक्रवार को ई-नीलामी प्रक्रिया में भाग लिया और फ्रैंचाइजी हासिल की. ​​इस टीम का घरेलू मैदान लॉर्ड्स में है.

निकेश अरोड़ा, सुंदर पिचाई और शांतनु नारायण बड़े क्रिकेट प्रशंसक माने जाते हैं. सुंदर समय-समय पर खिलाड़ियों के बारे में ट्वीट भी करते रहते हैं. नडेला मेजर क्रिकेट लीग (MLC) की सिएटल ऑर्कस फ्रैंचाइज़ के सह-मालिक हैं और गजवानी विलो टीवी के मालिक हैं, जो पश्चिम में क्रिकेट का सबसे बड़ा स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है और साथ ही क्रिकबज भी चलाते हैं. सिलिकॉन वैली के अधिकारियों ने द ओवल इनविंसिबल्स को खरीदने में रुचि दिखाई. गुरुवार को चूकने के बाद, उन्होंने लंदन स्पिरिट के लिए पूरी ताकत झोंक दी, जिसमें एलएसजी के मालिक संजीव गोयनका, मैनचेस्टर यूनाइटेड के सह-अध्यक्ष अवराम ग्लेजर की लांसर कैपिटल और कैन इंटरनेशनल को रोका गया. आखिरकार यह नीलामी दो बोलीदाताओं – गोयनका बनाम सिलिकॉन वैली ग्रुप – के बीच आ गया, जिसमें लंदन स्पिरिट ने बाजी मारी.

द हंड्रेड क्या है?

द हंड्रेड इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा शुरू किया गया एक प्रारूप है, जिसमें प्रत्येक टीम को खेलने के लिए 100 गेंदें मिलती हैं. टी20 प्रतियोगिता के सुर्खियों में न आने के कारण, ईसीबी 2021 में शुरू होने के बाद से हंड्रेड को अपने प्रमुख आयोजन के रूप में प्रचारित कर रहा है. हालाँकि, यह वास्तव में उतना लोकप्रिय नहीं हुआ जितना वे वित्तीय रूप से व्यवहार्य उत्पाद के रूप में चाहते थे, क्योंकि SA20 और ILT20 जैसे अन्य टूर्नामेंट पहले से ही सुर्खियाँ बटोर रहे हैं. इसलिए 2024 में, ईसीबी ने टीमों की इक्विटी बिक्री की अनुमति देने का निर्णय लिया, इस उम्मीद में कि भारतीय मालिक टूर्नामेंट में अपना पैसा लगाएँगे.

इक्विटी बिक्री क्या है?

ईसीबी ने बिक्री प्रक्रिया के माध्यम से 350 मिलियन पाउंड का लक्ष्य रखा था. यह एक ऐसा आंकड़ा था जिस पर लंदन स्थित फर्म ब्रिजपॉइंट ग्रुप ने टूर्नामेंट में 75% हिस्सेदारी के लिए 400 मिलियन पाउंड की बोली लगाई थी. नियंत्रण बनाए रखने की इच्छा के साथ, ईसीबी ने 8 टीमों में से प्रत्येक में अपनी 49% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया, जबकि 51% आठ मेजबान काउंटियों को दिया गया जिसे वे रख सकते हैं या बेच सकते हैं. 49% की बिक्री से जुटाई गई कोई भी राशि काउंटी टीमों, मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के बीच जमीनी स्तर के कार्यक्रमों के लिए वितरित की जाएगी. द हंड्रेड टूर्नामेंट में आठ टीमों के लिए निजी निवेश हासिल करने की प्रक्रिया में है और मुंबई इंडियंस ने ओवल इनविंसिबल्स में 49% हिस्सेदारी लेने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. 

मुंबई इंडियंस फ्रैंचाइज़ी का स्वामित्व रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड गुरुवार को द हंड्रेड में पहली बाहरी निवेशक बन गई. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने टूर्नामेंट और पूरे खेल की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए पिछले साल सितंबर में प्रक्रिया शुरू की थी. शुरुआती चरणों में कई इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रैंचाइजी ने रुचि दिखाई, लेकिन माना जा रहा है कि कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) दोनों ही व्यवसाय मॉडल के कारण बाहर निकल सकते हैं, क्योंकि उन्हें यह टिकाऊ नहीं लग रहा है. ईसीबी प्रत्येक टीम में अपनी 49% हिस्सेदारी बेचना चाहता है और यह प्रक्रिया आने वाले कुछ दिनों में पूरी होने की संभावना है.

अन्य आईपीएल मालिकों ने भी दिखाई रुचि

हालांकि आईपीएल के पीछे दिमाग ललित मोदी ने द ओवल इनविंसिबल्स को रिलायंस को और बर्मिंघम फीनिक्स को बर्मिंघम सिटी के मालिकों नाइटहेड कैपिटल को बेचकर ईसीबी के मूल्यांकन पर संदेह जताया, लेकिन ईसीबी ने पहले ही 244 मिलियन पाउंड जुटा लिए हैं और पांच और आने वाले हैं. चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स ने भी रुचि दिखाई थी, लेकिन उन्होंने द हंड्रेड में निवेश नहीं करने का फैसला किया है. हालांकि, संजीव गोयनका, जो लखनऊ सुपर जायंट्स के मालिक हैं, सनटीवी नेटवर्क के स्वामित्व वाली सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स, हिस्सेदारी रखने में रुचि दिखा रहे हैं. यहां तक ​​कि गुजरात टाइटन्स को चलाने वाली सीवीसी कैपिटल ने भी द ओवल इनविंसिबल्स के लिए बोली लगाई, लेकिन अंबानी ने उसे हरा दिया.

क्या भारतीय खिलाड़ी The Hundred में खेलेंगे?

The Hundred का आयोजन जुलाई-अगस्त में होता है, जब भारतीय टीम के पास ऑफ-सीजन होता है. लेकिन BCCI अपने खिलाड़ियों को इस लीग में खेलने की अनुमति नहीं देगा. ECB ने भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी पर BCCI से बातचीत की थी, लेकिन भारतीय बोर्ड IPL ब्रांड को सुरक्षित रखना चाहता है. फिलहाल, IPL मालिक पूरी दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. ऐसे में BCCI कब तक अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग से रोक पाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा. हालांक अब सभी की नजरें इस पर होंगी कि ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट इस स्थिति का कैसे सामना करेगा, क्योंकि पहले ही उनकी Big Bash League का आकर्षण कम हो चुका है.

हर्षित राणा को कन्कशन सब्सटीट्यूट बनने का पता कब चला? और कौन था इस दांव का मास्टरमाइंड, राणा ने खुद खोला राज

एडल्ट फिल्मों से क्रिकेट मैदान तक की सनसनीखेज दास्तान, एक अंपायर के जीवन की अनोखी कहानी

Exit mobile version