ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारत की शर्मनाक हार ने महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर को गुस्से से भर दिया है. पूर्व भारतीय कप्तान ने मार्की इवेंट में भारत के खराब प्रदर्शन के बारे में बहुत आलोचना की. बल्लेबाजी क्रम की पराजय पर धमाल मचाने के बाद, गावस्कर ने टीम के दृष्टिकोण पर भी सवाल उठाया और कहा कि पूरी यूनिट को उन सभी कारकों पर काम करना होगा जो मैच के दौरान भारत के लिए गलत रहे.
स्टार स्पोर्ट्स पर बोलते हुए सुनील गावस्कर ने कहा कि मैं उस टीम का हिस्सा रहा हूं, जहां हमें 42 पर आउट कर दिया गया था हम चेंजिंग रूम में दुखी थे. हमारी काफी आलोचना भी हुई थी. इसलिए, मुझे लगता है कि आप आज आलोचना से बच सकते हैं. इस हार के बारे में बहुत विश्लेषण करने की जरूरत है. यह जानना होगा कि क्या हुआ, वे कैसे आउट हुए, उन्होंने अच्छी गेंदबाजी क्यों नहीं की, उन्होंने कैच क्यों नहीं लिया, क्या अंतिम एकादश का चयन सही था, इसलिए इन सभी कारकों को ध्यान में रखना होगा.
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गावस्कर ने आगे कहा कि अगर टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ खिताबी मुकाबलों में अपनी गलतियों को दोहराती रही तो वेस्टइंडीज जैसी टीमों के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला में जीत का कोई मतलब नहीं होगा. हमें वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैच मिले हैं. वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे अच्छी टीम नहीं है. आप बस जाओ और उन्हें 2-0, 3-0 से हरा दो, इसका कोई मतलब नहीं है. जब आप फाइनल में जाते हैं और अगर आप फिर से ऑस्ट्रेलिया से खेल रहे हैं, वही गलतियां कर रहे हैं, तो आप ट्रॉफी कैसे जीतेंगे?
इससे पहले, भारत के पूर्व कप्तान ने खराब शॉट चयन के लिए विराट कोहली की आलोचना की थी. कोहली पर उन्होंने कहा था कि यह ऑफ स्टंप के बाहर एक बहुत ही सामान्य शॉट था. आप जब अर्धशतक या शतक के करीब होते हैं तब हड़बड़ी में ऐसा होता है. बता दें कि पिछले कई बार से कोहली स्टंप के आगे आकर शॉट खेलने के प्रयास में आउट हो रहे हैं. वह करीब दो साल बाद फॉर्म में तो आ गये हैं, लेकिन कई बार खराब शॉर्ट चयन के कारण वह आउट हो रहे हैं.