T20 World Cup: एमएस धोनी की कप्तानी पर हरभजन सिंह ने दिया बड़ा बयान, कहा- ‘हमें लगा नहीं कि वह कप्तान थे’

आज ही के दिन 2007 में, भारत ने जोहान्सबर्ग में एक रोमांचक फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को पांच रनों से हराकर ICC T20 विश्व कप के पहले संस्करण पर कब्जा किया था. वहीं हरभजन सिंह ने धोनी की कप्तानी को याद करते हुए ये बड़ी बात बतायी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2022 4:16 PM

ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप 2022 (T20 World Cup 2022) की शुरुआत में कुछ ही दिनों का वक्त बचा है. इस बड़े टूर्नामेंट के लिए सभी टीमों के स्कवॉड का एलान हो चुका है. इसी बीच भारत के महान स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने शनिवार को कहा कि पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने अपने आईसीसी टी20 विश्व कप 2007 अभियान के दौरान खेलते हुए अपने खिलाड़ियों को बहुत अधिक आजादी दी, जिससे हमने यह खिताब हासिल किया. बता दें कि आज ही के दिन 2007 में, भारत ने जोहान्सबर्ग में एक रोमांचक फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को पांच रनों से हराकर ICC T20 विश्व कप के पहले संस्करण पर कब्जा किया था.

‘हमें महसूस नहीं हुआ कि एमएस धोनी हमारे कप्तान थे’: हरभजन

भारत के ICC T20 विश्व कप 2007 की जीत की पंद्रहवीं वर्षगांठ पर, टीम इंडिया के सदस्यों ने स्टार स्पोर्ट्स कार्यक्रम ‘क्लास ऑफ 2007: द रीयूनियन ऑफ ’07 चैंपियंस’ पर एमएस धोनी की कप्तानी को याद किया. हरभजन सिंह ने कहा, ‘हमें यह महसूस नहीं हुआ कि एमएस धोनी ट्रॉफी उठाने तक हमारे कप्तान थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि मैच के दौरान हर एक पड़ाव पर हर कोई अपने सुझाव दे रहा था. वह इसके लिए बहुत खुले थे और महसूस कराया कि हमें जो सबसे अच्छा लगा वही वेस्ट है.’

धोनी के एक कप्तान और खिलाड़ी के रूप में कोई अंतर नहीं: कार्तिक

वहीं विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने भी एमएस धोनी के साथ पलों को याद करते हुए कहा, ‘धोनी उस समय कप्तान बनने की राह पर थे. इससे पहले वह 2007 के एकदिवसीय विश्व कप और इंग्लैंड और कई अन्य स्थानों के खिलाफ श्रृंखला के दौरान उप कप्तान थे. पहले दिन से ही उनके काम करने के अपने तरीके थे. वास्तव में उनके एक कप्तान और एक खिलाड़ी के रूप में कुछ अंतर नहीं था.’ बता दें कि सचिन, गांगुली, द्रविड़ जैसे दिग्गजों को इस टूर्नामेंट से रेस्ट दिया गया था और लगभग सभी प्लेयर्स युवा थे.

धोनी के फैसले ने किया था सबको हैरान

भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 157 रन बनाए थे. इसके बाद 158 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान ने 19 ओवर तक 9 विकेट के नुकसान पर 145 रन बना लिए थे और उन्हें आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए थे. इसी बीच कप्तान धोनी ने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को थमा दिया और हर कोई इस फैसले से हैरान था. पहली गेंद जोगिंदर शर्मा ने वाइड फेंकी और दूसरी गेंद पर उन्होंने मिस्बाह को कोई रन नहीं बनाने दिया. तीसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक ने छक्का जड़ दिया और पूरा स्टेडियम सन्न रह गया. अब पाकिस्तान को सिर्फ 6 रनों की दरकार थी और वो जीत से महज एक हिट दूर थे लेकिन तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेलना चाहा और श्रीसंत को कैच थमा बैठे और भारत ने 5 रन से मैच जीतकर वर्ल्ड कप खिताब पर कब्जा कर लिया.

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