World Cup Final 2024: भारत ने अपना दूसरा टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल जीत लिया है. रविवार को भारत ने फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को रोचक मुकाबले में 7 रनों से हराकर आइसीसी T-20 वर्ल्ड कप 2024 की टॉफी अपने नाम कर ली. इससे पहले 2007 में भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अपना पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीता था. लंबे इंतजार के बाद भारत का यह सपना पूरा हुआ है. वर्ल्ड कप के पिछले कुछ मुकाबलों में टीम इंडिया ट्रॉफी के बेहद नजदीक जाकर चूकती रही लेकिन इस बार रोहित शर्मा की सेना चैंपियन बनी है. इस मैच ने सबकी सांसों को थमने पर मजबूर कर दिया था और जब जीत मिली तो याद आयी पहले टी-20 फाइनल मैच की जिसमें कुछ ऐसे ही अंदाज में भारतीय टीम के धुरंधरों ने जीत दर्ज की थी.
2007 का भी फाइनल मुकाबला कुछ ऐसा ही था…
वर्ल्ड कप 2024 फाइनल में दक्षिण अफ्रीका का अरमान चूर-चूर हो गया और भारतीय टीम रोचक मुकाबले में जीत गयी. यह फाइनल मैच शुरू से ही कुछ इस तरह चला कि लोग टीवी से ही चिपके रहे. भारतीय टीम के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही उतार-चढ़ाव से भरी रही लेकिन जब जरूरत पड़ी तो कुछ ऐसा गियर खिलाड़ियों ने बदला कि जीत पर मुहर लगाकर ही माने. ऐसा ही कुछ हुआ था 2007 के भी टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल मैच में जब भारत और पाकिस्तान की टीम टॉफी के लिए भिड़ी थी. T-20 WORLD CUP की खबरें यहां पढ़िए…
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तब धोनी की टीम ने आखिरी लम्हे में अपने नाम की थी ट्रॉफी
टी-20 वर्ल्ड कप 2007 में महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम के कप्तान थे और पाकिस्तान से भारत का फाइनल में मुकाबला था. टीम इंडिया यंग ब्रिगेड और यंग कैप्टन के साथ इस वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में खेलने उतरी थी. फाइनल मैच अंतिम ओवर तक जा पहुंचा था. भारतीय टीम ने तब भी पहले बल्लेबाजी की थी और सम्मानजनक स्कोर तो जरूर बनाया लेकिन 160 तक टीम नहीं पहुंच सकी थी. बारी गेंदबाजों की थी. मैच में पाकिस्तान ने अच्छी पकड़ बना ली थी और कभी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से तो कभी स्ट्राइक रोटेट करके पाकिस्तान की टीम भारत के स्कोर के करीब पहुंच गयी थी.
तब धोनी और अब रोहित ने लिया ये फैसला…
तब भी भारतीय गेंदबाजों ने एक के बाद एक विकेट चटका लिए थे और अंतिम ओवर में जब 13 रनों की जरूरत जीत के लिए थी तब पाकिस्तान के 9 विकेट गिर चुके थे. लेकिन पिच पर डटे थे धाकड़ और विस्फोटक बल्लेबाज मिसबाह उल हक. जो गेंदबाजों के छक्के छुड़ा रहे थे. सबकी नजरें कप्तान धोनी पर थी. जैसे इस मैच में रोहित शर्मा ने पहले बुमराह और अर्शदीप से 18 और 19वां ओवर कराकर अंतिम ओवर में हार्दिक पांड्या को गेंद थमाई. उसी तरह धोनी ने तब जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाकर चौंकाया था. लेकिन ये रणनीति दोनों जगह काम आयी.
अंतिम ओवर में फिसली विरोधी टीम के हाथ से जीत
अंतिम ओवर के इस मुकाबले में जब पाकिस्तान को 6 रनों की जरूरत थी और 4 गेंद बचे थे तब मिसबाह का विकेट गिरा और भारतीय टीम ने पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप जीता था. कुछ इसी तरह जब 2024 में रोहित शर्मा की टीम साउथ अफ्रीका से फाइनल में टकरायी तो अंतिम ओवर में जाकर ट्रॉफी का फैसला हुआ. भारतीय गेंदबाजों ने आखिर में जाकर जीत को लगभग विरोधी टीम के जबड़े से छीन लिया और चैंपियन बन गए.