T20 World Cup Final: पिछली बार जब भारत T20 विश्व कप फाइनल में खेला था तो क्या हुआ था?
T20 World Cup Final: विराट कोहली के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत 2014 टी20 विश्व कप फाइनल में श्रीलंका से हार गया था और अब कोहली के पास 2024 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप जीतने का मौका है.
T20 World Cup Final 2014: 2014 के टी20 विश्व कप के फाइनल में भारत का सामना श्रीलंका से हुआ था, जिसका बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा था. एमएस धोनी की अगुआई वाली टीम सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर फाइनल में पहुंची थी, लेकिन फाइनल में उनका प्रदर्शन उम्मीद से कहीं ज़्यादा निराशाजनक रहा.
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 20 ओवर में 130/4 रन बनाए, जिसमें विराट कोहली ने 58 गेंदों पर 77 रन की शानदार पारी खेली. हालांकि, बाकी भारतीय बल्लेबाज अपनी लय हासिल करने में संघर्ष करते रहे, जिसमें रोहित शर्मा ने 26 गेंदों पर 29 रन बनाए. पारी का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन कोहली का रहा, जिन्होंने अकेले दम पर भारत को खेल में बनाए रखा.
T20 World Cup Final 2014: Yuvraj Singh का खराब प्रदर्शन
हालांकि, भारतीय पारी का असली आकर्षण युवराज सिंह का प्रदर्शन रहा. 2011 में भारत को वनडे विश्व कप खिताब दिलाने वाले इस अनुभवी ऑलराउंडर को अपनी लय हासिल करने में संघर्ष करना पड़ा और उन्होंने 52.38 की स्ट्राइक रेट से 21 गेंदों पर सिर्फ 11 रन बनाए. इस धीमी पारी की कई पूर्व खिलाड़ियों ने कड़ी आलोचना की, जिनका मानना था कि युवराज के बैटिंग परफॉरमेंस के कारण भारत फाइनल में हार गया.
जवाब में, श्रीलंका ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 13 गेंदें शेष रहते हुए मैच जीत लिया. श्रीलंका के लिए कुमार संगकारा ने बेहतरीन 52 रन बनाए, जबकि अन्य बल्लेबाजों ने भी टीम की जीत में योगदान दिया. यह श्रीलंका का एकमात्र टी20 विश्व कप खिताब था, और इसने 1996 के वनडे विश्व कप जीतने के बाद अपनी दूसरी वैश्विक ट्रॉफी भी हासिल की.
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2014 टी20 विश्व कप का फाइनल भारत के अभियान का निराशाजनक अंत था, क्योंकि टूर्नामेंट से पहले उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम माना जा रहा था. हार को सहना बहुत मुश्किल था. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाला आगामी टी20 विश्व कप फाइनल रोहित शर्मा की टीम के लिए 17 साल के सूखे को खत्म करने और अपना पहला टी20 विश्व कप खिताब जीतने का सुनहरा मौका है. यह मैच इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इससे आईसीसी ट्रॉफी के लिए मेन इन ब्लू का 11 साल का इंतजार खत्म होगा, जो टीम और उसके प्रशंसकों के लिए निराशा का स्रोत रहा है.