तन्मय अग्रवाल ने रणजी ट्रॉफी में जड़ दिए सबसे तेज 300 रन, 252 साल के क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

हैदराबाद की ओर से रणजी ट्रॉफी खेल रहे युवा बल्लेबाज तन्मय अग्रवाल ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट का सबसे तेज तिहरा शतक जड़ दिया है. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ यह कारनामा किया, जो 252 साल में पहली बार हुआ है.

By AmleshNandan Sinha | January 26, 2024 9:31 PM
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हैदराबाद के बल्लेबाज तन्मय अग्रवाल ने शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान सिर्फ 147 गेंदों में तिहरा शतक जड़कर रिकॉर्ड तोड़ दिया. हैदराबाद ने केवल 48 ओवरों में एक विकेट के नुकसान पर 529 रन बनाए और अग्रवाल ने अपनी शानदार पारी से कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. यह पहली बार था कि किसी बल्लेबाज ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच में 150 गेंदों से कम में तिहरा शतक जड़ा हो. विजडन अलमनैक के अनुसार, पहला ‘प्रथम श्रेणी’ क्रिकेट मैच 1772 में खेला गया था और तब से 252 सालों में किसी भी बल्लेबाज ने ऐसा कारनामा नहीं किया है. तो यह कहा जा सकता है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.

ईशान किशन का भी तोड़ा रिकॉर्ड

तन्मय अग्रवाल ने 2017 के बाद से मार्को मरैस के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. मरैस 191 गेंद पर तीसरा शतक का आंकड़ा छुआ था. अग्रवाल की पारी में 33 चौके और 21 छक्के थे. इससे तन्मय के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक और रिकॉर्ड दर्ज हो गया. यह अब सबसे अधिक छक्कों की संख्या है. उन्होंने इस मामले में टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन के एक पारी में सबसे अधिक छक्के के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.

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रणजी में रचा इतिहास

28 वर्षीय खिलाड़ी तन्मय रणजी इतिहास में एक ही दिन में 300 से अधिक रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी भी बन गए हैं. अग्रवाल केवल 160 गेंदों पर 323 रन बनाकर नाबाद रहे. ये प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक दिन के खेल में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सातवें सबसे अधिक रन हैं. मिनटों के हिसाब से यह दूसरा सबसे तेज तिहरा शतक भी था.

रवि शास्त्री का भी रिकॉर्ड तोड़ा

तन्मय का रिकॉर्ड केवल तिहरे शतक तक ही सीमित नहीं रहा. अग्रवाल ने किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज प्रथम श्रेणी दोहरा शतक भी बनाया था. उन्होंने 119 गेंदों में यह उपलब्धि हासिल की और उन्होंने रवि शास्त्री के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. टीम इंडिया के पूर्व चीफ कोच ने 1985 में बड़ौदा के खिलाफ 123 गेंदों में दोहरा शतक लगाया था. कुल मिलाकर, यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इतिहास में दूसरा सबसे तेज दोहरा शतक था.

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