Tata Group IPL Sponser: भारत के सबसे बड़े व्यवसाय समूह में से एक टाटा समूह अगले दो साल तक चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो की जगह आइपीएल का टाइटल प्रायोजक होगा. आइपीएल की संचालन परिषद ने मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला किया. टाटा समूह दो साल के लिए आइपीएल के टाइटल प्रायोजन करार के लिए 670 करोड़ रुपये देगा, जबकि वीवो करार रद्द करने के लिए 454 करोड़ रुपये देगा. बीसीसीआइ को 2022 और 2023 सत्र के लिए 1124 करोड़ रुपये मिलेंगे.
वीवो ने क्योंकि करार रद्द किया है तो अंतर की रकम यानी 183 करोड़ रुपये 2022 के लिए और 211 करोड़ रुपये 2023 के लिये उसे देने होंगे. समझा जाता है कि टाटा समूह 2023 में भी आइपीएल का टाइटल प्रायोजक रह सकता है, क्योंकि 2020 में वीवो को ब्रेक दिया गया था. वीवो ने 2018 से 2022 तक आइपीएल के प्रायोजन अधिकार 2200 करोड़ रूपये में खरीदे थे, लेकिन गलवान घाटी में 2020 में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बाद वीवो ने एक साल का ब्रेक लिया था. उसकी जगह ड्रीम 11 प्रायोजक था. वीवो 2021 में फिर प्रायोजक बना हालांकि अटकलें लगायी जा रही थी कि वे उचित बोली लगाने वाले को अधिकार का हस्तांतरण करना चाहते हैं.
Also Read: India vs Pakistan: भारत-पाकिस्तान के बीच अब हर साल क्रिकेट में होगी रोमांचक जंग! PCB ने बनाया बड़ा प्लान
इंडियन प्रीमियर लीग संचालन परिषद ने मंगलवार को नयी आइपीएल फ्रेंचाइजी लखनऊ और अहमदाबाद को इस टी-20 लीग में प्रवेश के लिए औपचारिक रूप से आशय पत्र जारी करने का फैसला किया. आरपीएसजी समूह और निजी निवेश फर्म सीवीसी ने पिछले अक्तूबर में क्रमश: लखनऊ और अहमदाबाद फ्रेंचाइजी के लिए सफलतापूर्वक बोली लगायी थी. सीवीसी के भारत के बाहर सट्टेबाजी कंपनियों के साथ संबंध होने की बात सामने आने के कारण आशय पत्र देने में देरी हुई. आशय पत्र जारी होने का मतलब है कि ये दोनों टीम औपचारिक तौर पर आइपीएल का हिस्सा हो जायेंगी.