टीम इंडिया के क्रिकेटर उमेश यादव ने अपने दोस्त पर लगाया 44 लाख रुपये की ठगी का आरोप, जांच में जुटी पुलिस

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने अपने दोस्त और पूर्व मैनेजर शैलेश ठाकरे पर 44 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है. यादव ने नागपुर के एक थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. मामला जमीन से जुड़ा है. यादव ने आरोप लगाया कि ठाकरे ने उनसे जमीन के पैसे लिये और अपने नाम पर रजिस्ट्री करा ली.

By Agency | January 21, 2023 7:45 PM

नागपुर : भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव से उनके दोस्त और उनके पूर्व मैनेजर ने कथित रुप से 44 लाख रुपये की ठगी की जो महाराष्ट्र के नागपुर में उनके नाम पर एक प्लॉट खरीदने के नाम की गयी है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नागपुर निवासी उमेश यादव की शिकायत पर शैलेश ठाकरे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.

जमीन को लेकर की धोखाधड़ी

शैलेश ठाकरे (37 वर्ष) कोराडी का निवासी है और उमेश यादव का दोस्त है. अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. अधिकारी ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि उमेश यादव को भारतीय टीम में चुने जाने के बाद उन्होंने अपने दोस्त ठाकरे को 15 जुलाई 2014 को अपना मैनेजर नियुक्त किया क्योंकि उस समय वह बेरोजगार था. अधिकारी ने कहा कि ठाकरे धीरे-धीरे उमेश यादव के विश्वासपात्र हो गये.

Also Read: IPL 2022: उमेश यादव ने आईपीएल में बनाया अनोखा रिकॉर्ड, ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बने
मामले की जांच में जुटी है पुलिस

पुलिस ने आगे कहा कि बाद में ठाकरे ने ही उमेश यादव के सभी वित्तीय मामले देखना शुरू कर दिया. वह क्रिकेटर के बैंक खाते, आयकर और अन्य वित्तीय मामले देखने लगे. उन्होंने कहा कि यह खिलाड़ी नागपुर में जमीन खरीदना चाहता था और इस बारे में ठाकरे से कहा था. ठाकरे ने एक बंजर इलाके में एक प्लॉट देखा और उमेश यादव को बताया कि वह उन्हें 44 लाख रुपये में यह दिला देगा और उन्होंने ठाकरे के खाते में यह राशि जमा कर दी. लेकिन ठाकरे ने अपने नाम पर यह प्लॉट खरीद लिया.

उमेश को पैसे लौटाने से किया मना

जब उमेश यादव को धोखाधड़ी के बारे में पता चला तो उन्होंने ठाकरे से प्लॉट उनके नाम पर ट्रांसफर करने को कहा लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया. अधिकारी ने कहा कि ठाकरे ने यह राशि भी उमेश यादव को लौटाने से मना कर दिया. अधिकारी ने कहा कि उमेश यादव ने कोराडी में प्राथमिकी दर्ज करायी है जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 420 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है.

Next Article

Exit mobile version