टीम इंडिया ने दुहराई 1983 वर्ल्ड कप की कहानी, ईशान किशन और रोहित शर्मा के नाम दर्ज हुआ शर्मनाक रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के वर्ल्ड कप के शुरुआती मैच में जो भी हुआ, वह 1983 वर्ल्ड कप में भी हो चुका था. सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और ईशान किशन के नाम एक शर्मनाम रिकॉर्ड दर्ज हुआ. 1983 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब वर्ल्ड कप के मैच में दोनों सलामी बल्लेबाज शून्य पर आउट हुए हों.
चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारत ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हरा तो जरूर दिया, लेकिन टॉस ऑर्डर बल्लेबाजी ने सोचने पर मजबूर कर दिया. भारत 199 लक्ष्य का पीछा करते हुए दो रन के स्कोर पर अपने तीन स्टार बल्लेबाजों को गंवा बैठा. सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि तीनों बल्लेबाज शून्य के स्कोर पर आउट हुए. सलामी बल्लेबाज ईशान किशन, रोहित शर्मा और श्रेयस अय्यर के आउट होने से टीम पूरी तरह लड़खड़ा गयी. दोनों सलामी बल्लेबाजों के नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ.
1983 वर्ल्ड कप के बाद पहली बार हुआ ऐसा
वर्ल्ड कप 2023 में अपने शुरुआती मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रन चेज करते समय भारत की शुरुआत बेहद खराब रही. कप्तान रोहित शर्मा, ईशान किशन और श्रेयस अय्यर शून्य पर आउट हो गए. क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में यह दूसरी बार है जब भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज शून्य पर आउट हो गए हों. किशन और रोहित से पहले, यह खराब उपलब्धि कृष्णमाचारी श्रीकांत और सुनील गावस्कर के नाम था. ये सलामी जोड़ी 1983 क्रिकेट विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ शून्य पर आउट हो गए थे. वह मैच संयोगवश कपिल देव की 175 रन की शानदार पारी की बदौलत इतिहास की किताबों में दर्ज हो गया. जिसने क्रिकेट जगत को स्तब्ध कर दिया था और भारत उसी साल पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बन गया.
केएल राहुल बनें संकटमोचन
भारत जब इस मैच में पिछड़ रहा था तब विराट कोहली और केएल राहुल संकटमोचन बनकर आए. राहुल ने अंत में विजयी छक्का लगाया. वह पांच रन से शतक से चूक गए. पूरे 50 ओवर विकेटकीपिंग करने के कारण राहुल को पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए रखा गया था. बीमार शुभमन गिल की जगह सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी ईशान किशन को दी गयी थी. लेकिन राहुल ने यह नहीं सोचा होगा कि उन्हें बल्लेबाजी के लिए तुरंत क्रीज पर आना होगा.
They both got #TeamIndia the first win of #CWC23 💪
As the bandwagon moves to Delhi, here's @imVkohli & @klrahul dissecting their match-winning partnership against Australia 👌
P.S. The local lad is bracing himself for his homecoming 🏟️
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— BCCI (@BCCI) October 9, 2023
1983 के कपिल की भूमिका में नजर आए केएल राहुल
जिस प्रकार 1983 वर्ल्ड कप मुकाबले में दोनों सलामी बल्लेबाजों के शून्य पर आउट होने के बाद कपिल देव ने न केवल पारी संभाली थी, बल्कि जिम्बाब्वे के खिलाफ टीम इंडिया को जीत दिलायी थी, उसी प्रकार केएल राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रदर्शन किया. 50 ओवर तक विकेटकीपिंग करने के बाद राहुल को कम से कम एक घंटे के विश्राम की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने नहीं सोचा होगा कि उन्हें फिर से सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभानी पड़ेगी. राहुल के पास फिर से पैड पहनकर मैदान पर उतरने के लिए केवल 45 मिनट का समय था. लेकिन इस बल्लेबाज ने खुद को साबित किया और टीम को जीत दिलाने के बाद ही मैदान से वापस लौटे.
12 गेंद पर ऑस्ट्रेलिया ने तीन बल्लेबाजों को आउट किया
ऑस्ट्रेलिया ने एक छोटे स्कोर को बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास झोंक दिया. ऑस्ट्रेलिया को भारतीय पारी को 2/3 पर समेटने में केवल 12 गेंदें लगीं. मिचेल स्टार्क ने इशान किशन को विकेट के पीछे कैच आउट कराया. जोश हेजलवुड आईपीएल के अपने होम ग्राउंड पर शानदार थे और एक ही ओवर में कप्तान रोहित शर्मा और श्रेयस अय्यर का विकेट झटका. तीनों बल्लेबाज शून्य पर आउट हो गए. जैसे ही भारत का तीन विकेट गिरा, चेपॉक स्टेडियम की भीड़ खामोश हो गयी.
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कैसे 1983 के कपिल बने केएल राहुल
दो रन के स्कोर पर तीन विकेट गिरने के बाद क्रीज पर विराट कोहली और केएल राहुल थे. राहुल ने 1983 विश्व कप के कपिल देव वाले क्षण का अनुभव किया होगा. 1983 की बात करें तो भारतीय टीम 17/5 पर संघर्ष कर रही थी. तब कपिल आए और नाबाद 175 रनों की पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत दिलायी. केएल राहुल ने मैच के उस रोमांचक क्षण को याद करते हुए कहा, ‘कोहली के साथ ज्यादा बातचीत नहीं हुई. मैं अभी-अभी नहाया था और उम्मीद कर रहा था कि क्षेत्ररक्षण के बाद करीब एक घंटे तक मैं आराम करूंगा, लेकिन मुझे अंदर आना पड़ा.’
राहुल और कोहली ने खेली मैच जिताऊ पारी
इसके बाद राहुल और कोहली ने 165 रनों की मैच जिताऊ साझेदारी की. जो भारत को छह विकेट से जीत दिलाने के लिए काफी थी. एमए चिदम्बरम स्टेडियम की सतह भी बल्लेबाजी के लिए अनुकूल ट्रैक नहीं थी. यह दो गति वाला था और गेंद रुक रही थी. चूंकि भारत दो ओवर के अंदर तीन विकेट खो चुका था, इसलिए धैर्य रखना समय की मांग थी. राहुल ने न केवल धैर्य के साथ खुद बल्लेबाजी की, उन्होंने कोहली को भी मोटिवेट किया और संयम रखने की सलाह दी. कोहली को 12 के स्कोर पर जीवनदान मिला और उसके बाद कोहली ने मैच पर पकड़ बनाते तक कोई गलती नहीं की.
केएल राहुल ने विराट को दिया श्रेय
अनुभव क्या होता है यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में देखने को मिला. मैच के बाद केएल राहुल ने बताया कि उन्हें विराट कोहली ने बताया कि विकेट में कुछ गड़बड़ है, इसलिए टेस्ट की तरह खेलो, क्योंकि लक्ष्य काफी बड़ा नहीं है. राहुल ने कहा, ‘विराट ने कहा कि विकेट में कुछ गड़बड़ है, इसलिए कुछ समय के लिए टेस्ट क्रिकेट की तरह खेलो.’ नई गेंद से तेज गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिल रही है और फिर स्पिनरों को भी. आखिरी 15-20 ओवरों में ओस ने अहम भूमिका निभाई. लेकिन बाद में परिस्थिति भारत के अनुकूल हो गयी.