विश्व कप 1975 में शुरू, लेकिन 1992 में पहली बार आमने-सामने हुए थे भारत और पाकिस्तान
क्रिकेट वर्ल्ड कप की शुरुआत 1975 में हुई थी. लेकिन भारत और पाकिस्तान की टीम वर्ल्ड कप में पहली बार 1992 में भिड़ी थी. भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी. अब तक सात बार वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान का सामना हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान को एक भी जीत नसीब नहीं हुई है.
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध शायद खेल के लंबे इतिहास में सबसे विचित्र हैं. यह दो धारी तलवार की तरह है. एक तरफ तो यह एकता की ताकत है, तो दूसरी ओर क्रिकेट से प्यार करने वाले दोनों देशों को एक-दूसरे के खिलाफ हार नागवार है. इसकी झलक 50 ओवर के विश्व कप में साफ तौर पर दिखती है, जहां भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक सभी सात मुकाबले जीते हैं. दोनों पड़ोसी देशों के बीच क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता 1952 में शुरू हुई, पर अधिक चर्चित विश्व कप की जंग 1992 में शुरू हुई.
1992 विश्व कप : सचिन व तेज गेंदबाजों का चला था जादू
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारत-पाकिस्तान में विश्व कप की पहली जंग हुई थी. भारत 43 रन से विजेता बना.19 वर्षीय सचिन तेंदुलकर ने 62 गेंदों में 54 रन बनाये, जिससे भारत 7 विकेट पर 216 रन बनाने में सफल रहा. भारत ने तेज गेंदबाजों के दम पर विपक्षी टीम को 48.1 ओवर में 173 रन पर ढेर कर दिया, कपिल देव, जवागल श्रीनाथ और मनोज प्रभाकर ने दो-दो विकेट चटकाये.
1996 विश्व कप : सिद्धू के बाद जडेजा के आक्रमक तेवर से जीते
चार साल बाद पाकिस्तान का सामना विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में भारत से हुआ. नवजोत सिंह सिद्धू की 93 रन की पारी के बाद जडेजा ने 25 गेंदों पर 45 रन की तूफानी पारी खेली. भारत आठ विकेट पर 287 रन बनाये. तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद व स्पिनर कुंबले ने तीन-तीन विकेट झटक पाकिस्तान को 248/9 पर ही रोक दिया. भारत मैच 39 रन से जीता.
विश्व कप 1999 : वेंकटेश प्रसाद के पांच विकेट लेकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी
यह मुकाबला करगिल युद्ध की छाया में खेला गया. भारतीय और पाकिस्तानी प्रशंसक जीत के अलावा किसी और चीज से संतुष्ट नहीं होने वाले थे. राहुल द्रविड़ और मोहम्मद अजहरुद्दीन के अर्धशतकों के बाद भारत ने छह विकेट पर 227 रन का छोटा स्कोर खड़ा किया. प्रसाद एक बार फिर भारत के लिए स्टार बनकर उभरे. कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने 27 रन देकर पांच विकेट झटके और पाकिस्तान की पारी 45.3 ओवर में 180 रन पर सिमट गयी.
2003 विश्व कप : सचिन व युवी के अर्धशतक पाकिस्तान पर भारी पड़े
विश्व कप 2003 आते-आते तेंडुलकर की प्रतिभा पूरी तरह निखर गयी थी. मुंबई के इस बल्लेबाज ने सेंचुरियन में अकरम, शोएब अख्तर और यूनिस की पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी तिकड़ी के खिलाफ शानदार शॉट खेले. पहले बल्लेबाजी करते हुए सईद अनवर के 101 रन की पारी की मदद से पाकिस्तान ने 273/7 रन बनाये. सचिन ने 75 गेंद में 98 रन पारी खेली. युवा ने नाबाद 50 रन बनाये, भारत छह विकेट से मैच जीतने में सफल रहा.
2011 में विश्व कप : सचिन की पारी से फिर जीते
मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला था. तेंडुलकर ने 85 रन की पारी खेल भारत की जीत की नींव रख दी थी. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज वहाब रियाज के 46 रन पर पांच विकेट के बावजूद भारत ने नौ विकेट पर 260 रन बनाये और फिर पांच भारतीय गेंदबाजों ने दो-दो विकेट लेकर पाकिस्तान को 231 रन पर समेट दिया.
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2015 विश्व कप : तेंदुलकर की कमी कोहली ने पूरी की
विश्व कप 2015 में पाकिस्तान को नये भारत का स्वाद चखना पड़ा. कोहली की 107 रन की शानदार पारी और शिखर धवन तथा सुरेश रैना के अर्द्धशतक से टीम इंडिया ने सात विकेट पर 300 रन बनाये. तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने चार विकेट लिये, जिससे पाकिस्तान 224 रन पर ढेर हो गया.
2019 विश्व कप : रोहित के तूफान में उड़ा पाकिस्तान
पाकिस्तान को 2019 में रोहित के तूफानी तेवरों का सामना करना पड़ा, जिन्होंने 113 गेंद में 140 रन की पारी खेली. कोहली (77) और लोकेश राहुल (57) ने भी अर्धशतक जड़े. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 336/5 रन बनाये. पाकिस्तान टीम 212/6 रन ही बना सकी.