वे आपको गोली मार देंगे, बोले रवि शास्त्री- टीम इंडिया का चीफ कोच बनना आसान काम नहीं

उन्होंने कहा कि टीम इंडिया का कोच होना आसान काम नहीं है. आप हमेशा निशाने पर होते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2021 2:14 PM

नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि टीम इंडिया का चीफ कोच बनना आसान काम नहीं है. वे (फैन्स) हमेशा आपको जीतते देखना चाहते हैं. ऐसा नहीं होने पर काफी नाराजगी का सामना करना पड़ता है. शास्त्री ने कहा कि भारत के फैन्स को इस बात की कोई परवाह नहीं कि कोविड पॉजिटिव है या कुछ और है, वे बस आपको खेलते और जीतते देखना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि टीम इंडिया का कोच होना आसान काम नहीं है. आप हमेशा निशाने पर होते हैं. उन्होंने द गार्जियन से बात करते हुए कहा कि यहां किसी को किसी भी बात से फर्क नहीं पड़ता वे चाहते हैं कि आप खेलें और रन बनाएं. टीम इंडिया का कोच होना ब्राजील या इंग्लैंड का फुटबॉल कोच होने जैसा है. अगर आप रन नहीं बनाते हैं, नहीं जीतते हैं तो वे आपको गोली मार देंगे.

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शास्त्री ने कहा कि मैं मोटी चमड़ी का हूं, इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि अब मेरे जाने का सही समय है. आप और अधिक स्वागत के लिए इंतजार नहीं कर सकते. मैंने जो भी चाहा वह सब हासिल किया. टेस्ट क्रिकेट में पांच साल तक नंबर वन टीम बने रहना. दुनिया के हर देश को सफेद गेंद के क्रिकेट में हराना काफी सुखद है. यह मेरे 40 साल के क्रिकेट करियर का सबसे संतोषजनक क्षण है.

पुस्तक विमोचन समारोह का कोई अफसोस नहीं

बता दें कि रवि शास्त्री के कोरोना पॉजिटिव होने को उनके पुस्तक विमोचन कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है. ऐसे में उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि इस समारोह के लिए कोई खेद नहीं है और इसमें कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं हुआ. शास्त्री, क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर, गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फिजियो नितिन पटेल को ओवल टेस्ट के दौरान संक्रमित पाया गया और जब मैनचेस्टर में पांचवें टेस्ट से पहले जूनियर फिजियो योगेश परमार का परीक्षण पॉजिटिव आया और अंतिम मैच रद्द करना पड़ा.

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शास्त्री ने कहा कि मुझे कतई खेद नहीं है क्योंकि मैं उस समारोह में जिन लोगों से मिला वे शानदार थे. लड़कों के लिए भी लगातार अपने कमरों तक सीमित रहने के बजाय बाहर निकलकर अलग-अलग लोगों से मिलना अच्छा था. ओवल टेस्ट में आप उन सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे जिनका उपयोग 5000 लोग कर रहे थे. फिर पुस्तक विमोचन पर उंगली क्यों उठायी जा रही है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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