कश्मीर के उमरान मलिक की रफ्तार के कायल हुए दिग्गज, बेटा बिगड़ न जाए, पिता को था डर
उमरान के पिता अब्दुल मलिक ने मीडिया को बताया कि जानते हैं कि यह उम्र कैसी होती है. बहुत सारे युवा ऐसे हैं, जो ड्रग्स आदि का सेवन कर अपनी जिंदगी खराब कर रहे हैं. मैं चिंतित था
नयी दिल्ली : 21 साल के उमरान मलिक के लिए आइपीएल तक का सफर आसान नहीं रहा है. उमरान के पिता अब्दुल मलिक स्थानीय स्तर पर फल और सब्जियों की दुकान करते हैं. उमरान ने चार साल पहले गुज्जर नगर में कंक्रीट पिच पर अपना करियर शुरू किया था. जब कभी-कभार उमरान रात को टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलने जाते थे, तो अब्दुल मलिक अपने बेटे का पीछा करते थे, क्योंकि उन्हें डर था कि उमरान कहीं गलत रास्ते पर नहीं चला जाये.
उमरान के पिता अब्दुल मलिक ने मीडिया को बताया कि जानते हैं कि यह उम्र कैसी होती है. बहुत सारे युवा ऐसे हैं, जो ड्रग्स आदि का सेवन कर अपनी जिंदगी खराब कर रहे हैं. मैं चिंतित था, लेकिन उन्होंने (उमरान) हमें आश्वस्त किया कि उसके पास केवल क्रिकेट का नशा है. इसलिए परिवार को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. कभी-कभी मैं छिपकर देखता था कि वह वास्तव में खेल रहा है या नहीं.
अब्दुल मलिक ने कहा कि ईश्वर दयालु रहे हैं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने बेटे को आइपीएल में खेलते देखूंगा. मैं फल और सब्जियां बेचता हूं और यह हम सभी के लिए एक सपने के सच होने जैसा है. अब, मैं उसे एक दिन भारत के लिए खेलते हुए देखने की उम्मीद कर रहा हूं.
कोच रणधीर सिंह मन्हास ने कहा कि उमरान की असल यात्रा काफी पहले शुरू हो गयी थी, जब वह बिना उचित क्रिकेट जूते के अपने घर के पास कोचिंग नेट पर उतरे. वह एक साधारण दुबला-पतला लड़का था, जो नेट्स में गेंदबाजी करना चाहता था. मैंने कहा : ओके, बॉल डालो. उन्होंने अपनी तेज गति से सबको प्रभावित किया था.
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2021 आइपीएल में सबसे तेज गेंद फेंकनेवाले भारतीय गेंदबाज
उमरान मलिक – 151.03 किमी/घंटा.
उमरान मलिक – 150.06 किमी/घंटा.
उमरान मलिक – 149.79 किमी/घंटा.
मो सिराज – 147.68 किमी/घंटा.
मो सिराज – 147.67 किमी/घंटा.
खलील अहमद – 147.38 किमी/घंटा.
परवेज को उमरान के भारतीय टीम में खेलने की है उम्मीद
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले राज्य के इकलौते क्रिकेटर परवेज रसूल इस युवा प्रतिभा से काफी प्रभावित हैं. रसूल ने कहा कि वह बहुत प्रतिभाशाली लड़का है. जब मैंने उसे नेट्स में खेला, तो वह तेज था. वो बहुत तीखा (तेज) था, लेकिन यह एक अलग स्तर (आइपीएल में) पर था.
सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि वह सचमुच तेज गति से बल्लेबाजों को चकमा दे रहा था. इतने बड़े मंच पर उसे इस तरह से खेलते देखकर मुझे बहुत गर्व हुआ. उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर थोड़ा मेहनत करना होगा. विकेट निकालने होंगे. मुझे उम्मीद है कि वह भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहेगा.
Posted By: Amlesh Nandan.