Viral Video: खेल के मैदान पर कुछ भी असंभव नहीं होता. बात जब क्रिकेट की हो तो और भी नहीं. बैट और बॉल का रोमांच आखिरी गेंद पर तो अपने चरम पर होता है. अगर आप क्रिकेट के फैन हैं तो भारत-पाकिस्तान के बीच 2007 के टी20 फाइनल के आखिरी ओवर का किस्सा भूले नहीं होंगे. हाल ही में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन बुमराह ने आखिरी गेंद पर उस्मान ख्वाजा का विकेट लेकर क्रिकेट पिच पर जबरदस्त सिनेमा दिखाया था. कुछ इसी तरह का ड्रामा एक और मैच में हुआ जब बैट्समैन को आउट करने के लिए सभी 11 खिलाड़ी लग गए, लेकिन किस्मत का खेल देखिए तीन बार कोशिश करने के बाद भी वैसा हो न सका. यह इतना मजेदार रहा कि सोशल मीडिया साइट एक्स पर वायरल हो गया, जिसको 8 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है.
पुणे में क्रिक हीरोज लोकल क्लब्स को मिलाकर क्रिकेट मैचों के आयोजन करवाता है. इसी टूर्नामेंट में लोकल लीग में अंडर 14 खिलाड़ियों का मैच चल रहा था. स्पेशलाइज्ड क्रिकेट क्लब को आखिरी गेंद पर 41 रन बनाने थे. बल्लेबाज ने गेंद को मिडविकेट पर मारा और रन लेने के लिए दौड़ पड़ा. लेकिन नॉन स्ट्राइकर एन्ड पर खड़ा बल्लेबाज हार को इतने करीब देख अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ. दोनों बल्लेबाज एक ही क्रीज पर थे, विपक्षी टीम ने एक के बाद कुल तीन बार प्रयास किए लेकिन हर बार विफल रहे. किस्मत ही रही कि गेंद विकेट पर नहीं लगी और फिर अंत में बल्लेबाज वापस अपनी क्रीज पर पहुंच गया. यह पूरा सीन इतना नाटकीय रहा कि अंत में अंपायर ने भी दूसरे बल्लेबाज को हल्की-सी चपत लगा दी. मैच का अंत देखकर लगता है, कि स्पेशलाइज्ड टीम यह मैच 40 रन से हार गई. हालांकि यह मैच कब का है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन नीट ऑब्जर्वर के एक्स पर पोस्ट किए गए इस वीडियो पर 8 लाख से ज्यादा व्यूज आए हैं.
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छोटी उम्र में ही सपने पूरा करने को उतर पड़े मैदान पर
भारत में क्रिकेट का खुमार लगभग सभी बच्चों पर छाया रहता है. अलग-अलग शहरों में विभिन्न क्लब्स में सैकड़ों बच्चे इस खेल में अपना भविष्य खोजते हुए दिनों दिन अभ्यास करते दिख जाते हैं. महेंद्र सिंह धोनी, ऋषभ पंत और नीतीश रेड्डी जैसे खिलाड़ी छोटे शहर से निकलकर विश्व क्रिकेट में छा गए. पहले तो ले देकर भारतीय टीम में ही जगह के लिए सभी प्रयास करते थे, लेकिन आईपीएल की लोकप्रियता ने अब तो छोटे शहर के बच्चों के सपने को भी पूरा किया है. इस मैच में भी नन्हे हाथ बॉल को पूरे ढंग से पकड़ नहीं पा रहे, बल्लेबाज भी बल्ले को किसी तरह उठाकर मारने का प्रयास कर रहा है. लेकिन कहावत सच ही है कि करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान… वैभव सूर्यवंशी का उदाहरण सबके सामने है, जिसने 13 साल की उम्र में ही आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स में अपनी जगह बनाई है. हो सकता है कि आने वाले समय में इन्हीं में से कोई क्रिकेट का बड़ा सितारा बने.
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