Virat Kohli: भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का बल्ला अब उनसे पूरी तरह रूठा हुआ लगता है. लेकिन विराट कोहली की अपनी गलतियां भी इसमें शामिल हैं. वे लगातार बाहर की गेंदों पर अपना बल्ला लगाकर अपना विकेट फेंककर आउट हो रहे हैं. शरीर से बाहर की गेंदों को छूने के प्रयास में वे विकेट के पीछे लपके लिए जाते हैं. कई पूर्व क्रिकेटर्स की सलाह पर भी वे ध्यान नहीं दे रहे और बार-बार एक ही तरह से आउट हो रहे हैं. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में एक बार फिर वे उसी तरह आउट हुए.
पसंदीदा शॉट बना सबसे बड़ी कमजोरी
विराट कोहली की सबसे बड़ी ताकत उनका ऑफ साइड है. कवर ड्राइव हो या प्वाइंट पर कट या मिडऑफ पर पुल शॉट उनके बेहतरीन बल्लेबाजी कौशल को दर्शाते हैं. लेकिन उनकी सबसे बड़ी ताकत कवर ड्राइव ही उनके खिलाफ गेंदबाजों का सबसे बड़ा हथियार बन गया है. अपने पसंदीदा शॉट को खेलने के चक्कर में विराट इस सीरीज के 4 मैचों की 7 पारियों में से 6 बार विकेट के पीछे कैच आउट हुए हैं. कभी कीपर तो कभी स्लिप में लपके गए विराट के लिए इस बार की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी बेहद निराशाजनक रही. इस सीरीज के चार मैचों में विराट ने केवल 167 रन बनाए हैं, उसमें भी पहली पारी में उन्होंने एक शतक लगाया था. इस सीरीज में उनकी 7 पारियां कुछ इस तरह रही हैं, 5, 100*, 7, 11, 3, 36 और इस मैच की दूसरी पारी में 5 रन. विराट ने पिछली दो सीरीज में ऑस्ट्रेलिया में कहर मचाया था, लेकिन इस बार वे पूरी तरह नाकाम रहे हैं. देखें इस सीरीज में विराट के आउट होने का तरीका-
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विराट कोहली इस साल रहे पूरी तरह नाकाम
भारत को अंतिम दिन जीत के लिए 340 रन बनाने थे. इस मैच में विराट से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन संभलकर खेल रहे विराट ने मिचेल स्टार्क की बाहर जाती गेंद पर कवर ड्राइव लगाने के लिए बल्ला अड़ाया और गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर स्लिप में चली गई और उस्मान ख्वाजा ने कोई गलती नहीं की. विराट केवल 5 रन बनाकर आउट हो गए. हालांकि 2024 का पूरा साल विराट के लिए बेहद खराब रहा. उन्होंने साल के आखिरी टेस्ट से पहले इस साल 10 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें 24.52 की औसत से केवल 417 रन बना पाए हैं. जिसमें केवल एक अर्द्धशतक और एक शतक शामिल है. विराट ने इसी साल टी20 क्रिकेट से संन्यास लिया है. अब उनके बुरे प्रदर्शन के बाद लोग उनके टेस्ट क्रिकेट से भी रिटायरमेंट की मांग करने लगे हैं.
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