विराट कोहली ने खत्म किया युवराज सिंह का कैरियर! रॉबिन उथप्पा का सनसनीखेज आरोप
Virat Kohli: रॉबिन उथप्पा ने युवराज सिंह का कैरियर खत्म करने के लिए विराट कोहली को जिम्मेदार ठहराया है.
Virat Kohli: युवराज सिंह भारत के 21वीं सदी के स्टार बल्लेबाजों में सबसे ऊपर रहेंगे. उनकी 2007 में खेली गई 6 छक्कों वाली पारी भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए सबसे यादगार लम्हों में से एक है. वे सफेद गेंद के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं. वे भारत के 2007 और 2011 विश्वकप में भी टीम इंडिया के सदस्य रहे, लेकिन 2011 के विश्व कप के बाद फेफड़ों के कैंसर ने उनका कैरियर पहले धीमा किया फिर एकदम से समाप्त ही कर दिया. 2012 में उन्होंने टीम में वापसी की, लेकिन 2013 में उन्हें चैपियंस ट्रॉफी के लिए भी नहीं चुना गया. लेकिन उनके वापस आने के बाद टीम की परिस्थिति पूरी तरह बदल गई थी. युवराज ने 2017 में अपना आखिरी मैच खेला था. लगातार अनदेखी के बाद उन्होंने जून 2019 में संन्यास लेने का फैसला किया. लेकिन दो सालों में उन्होंने वापसी की पूरी कोशिश की थी, लेकिन रॉबिन उथप्पा का मानना है, कि विराट ने उनके वापसी को प्रभावित किया था.
युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने अपने बेटे का कैरियर खत्म करने के लिए विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी पर आरोप लगाया था. युवराज ने वापसी के बाद हार नहीं मानी और धोनी के बाद विराट कोहली को कप्तानी सौंपे जाने के बाद एक और वापसी की कोशिश की. उन्हें 2017 चैंपियंस ट्रॉफी टीम में जगह मिली, लेकिन वह कोई यादगार टूर्नामेंट नहीं खेल पाए, जिसके कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. लोगों का मानना है कि युवराज अपनी फिटनेस के कारण टीम से बाहर हुए लेकिन पूर्व भारतीय बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने इसके लिए विराट को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा, “विराट की कप्तानी की शैली इस हद तक अलग थी कि आपको उनके स्तर तक पहुँचने की ज़रूरत थी. चाहे वह फिटनेस हो, चाहे वह खाने की आदतें हों, चाहे वह सुनना हो, सहमत होना हो, यह सब उस स्तर पर होना चाहिए,”
विराट ने सबको एक तरह से देखा
उथप्पा ने एक न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि विराट की कप्तानी के बारे में बात करते हुए कहा, “नेता दो तरह के होते हैं. कुछ नेता कहते हैं कि यह मानक ज़रूरी है और कुछ ऐसे भी हैं जो कहते हैं ‘मैं तुमसे वहाँ मिलूँगा और तुम्हें उस मानक तक पहुँचाऊँगा जिस पर मैं चाहता हूँ कि तुम पहुँचो’ दोनों काम करते हैं और दोनों को नतीजे मिलते हैं, लेकिन खिलाड़ियों पर इसका असर अलग-अलग होगा. एक बहुत कीमती होगा और दूसरा बहुत निराश महसूस करेगा.” कोहली के नेतृत्व काल में चीज़ें कैसे बदलीं, यह समझाने के लिए उथप्पा ने कैंसर से ठीक होने के बाद युवराज की कहानी का हवाला दिया.
युवराज ने कैंसर को हराया फिर भी उनके साथ ऐसा व्यवहार
उन्होंने कहा, “युवी पा का उदाहरण लें. उस व्यक्ति ने कैंसर को हराया और वह अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी की कोशिश कर रहा है. वह वह व्यक्ति है जिसने हमें विश्व कप जिताया, उस मामले में हमें दो विश्व कप जितवाए, अन्य खिलाड़ियों के साथ, लेकिन हमें जीतने में मदद करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई. फिर, ऐसे खिलाड़ी के लिए, जब आप कप्तान बनते हैं, तो आप कहते हैं कि उसकी फेफड़ों की क्षमता कम हो गई है. जब आपने उसे संघर्ष करते देखा था, तब आप उसके साथ थे. आपने उन्हें संघर्ष करते देखा है…हां, आपको एक स्तर का मानक बनाए रखना होता है, लेकिन नियम के अपवाद हमेशा होते हैं. यह एक ऐसा व्यक्ति है जो अपवाद होने का हकदार है क्योंकि उसने न केवल आपको हराया और टूर्नामेंट जीता, बल्कि उसने कैंसर को भी हराया. इस लिहाज से उसने जीवन की सबसे कठिन चुनौती को हराया है.”
उन्हें कोई रियायत नहीं दी गई
39 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा ने कहा कि युवराज ने अपनी फिटनेस को साबित करने के लिए कुछ रियायत भी मांगी थी, लेकिन उसे ठुकरा दिया गया. उन्होंने कहा, “जब युवी ने फिटनेस टेस्ट में दो-प्वाइंट्स की कटौती के लिए रिक्टवेस्ट किया, तो उन्हें वह नहीं मिला. फिर उन्होंने टेस्ट दिया क्योंकि वह टीम से बाहर थे और वे उसे नहीं ले रहे थे. उन्होंने फिटनेस टेस्ट पास किया, टीम में आया, लेकिन एक खराब टूर्नामेंट खेला. उनको पूरी तरह से बाहर कर दिया, उसके बाद कभी उन पर ध्यान नहीं दिया. उस समय विराट नेता थे और उनके मजबूत व्यक्तित्व के कारण यह उनके अनुसार चला.”
भारत के लिए 46 वनडे और 13 टी20 मैच खेले. उनकी बल्लेबाजी का अंदाज कुछ अलग ढंग का था, वे गेंदबाज के ऐक्शन के समय ही एक-एक कदम बढ़ाकर आगे आकर खेलते थे. उथप्पा ने आगे कहा, “मैंने कप्तान के तौर पर विराट के नेतृत्व में बहुत ज़्यादा नहीं खेला है. लेकिन एक कप्तान के तौर पर विराट, वह ‘माई वे या हाईवे’ वाले कप्तान थे. ऐसा नहीं है कि ये लोग भी ऐसे नहीं हैं, लेकिन अपनी टीम के साथ कैसा व्यवहार करना है. अपने कर्मियों के साथ कैसा व्यवहार करना है, आपको यह आना चाहिए. क्योंकि यह सिर्फ नतीजों के बारे में नहीं है.”
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