नयी दिल्ली : विराट कोहली ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले एक विस्फोटक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय क्रिकेट से जुड़े विवादों पर अपनी बात बेबाकी से रखी. मीडिया के साथ कोहली की बातचीत एकदिवसीय कप्तानी से हटाए जाने के लगभग एक हफ्ते बाद हुई. उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और नये सीमित ओवरों के कप्तान रोहित शर्मा के साथ अपने संबंधों के साथ-साथ एकदिवसीय श्रृंखला के लिए उनकी उपलब्धता पर कई अटकलों पर अपना रुख साफ कर दिया.
विराट कोहली ने यह भी खुलासा किया कि अक्टूबर में जब उन्होंने टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया तो उन्हें कभी भी इस पर पुनर्विचार के लिए नहीं कहा गया. पिछले हफ्ते सौरव गांगुली ने कहा था कि बोर्ड ने विराट कोहली से टी-20 इंटरनेशनल टीम के कप्तान के रूप में बने रहने का अनुरोध किया था, लेकिन वे नहीं मानें. ऐसे में सफेद गेंद के लिए एक ही कप्तान रखने का फैसला चयनसमिति ने किया है.
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इस तरह की बातों के बाद भारतीय क्रिकेट बिरादरी में अटकलें तेज हो गई हैं और कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने अब इस मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर दोनों ओर से कड़े शब्द नहीं होते तो पूरी स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था. उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता क्योंकि यह सीधे तौर पर विराट से जुड़ा है.
उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे लगता है कि दोनों तरफ से इस तरह के कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाता तो और अच्छा होता. टीम अच्छा कर रही है, मुझे नहीं लगता कि हमें अनावश्यक विवाद की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के विवाद से कोहली को प्रभावित होने की संभावना नहीं है. वह मजबूती के साथ 26 दिसंबर को श्रृंखला के पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैदान में उतरेंगे.
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कोच ने कहा कि यह उसके दिमाग में हो सकता है, लेकिन एक बार जब वह मैदान पर कदम रखता है, तो मुझे नहीं लगता कि इससे उस पर कोई असर पड़ेगा. विराट को किसी चीज का लालच नहीं है. उनमें बहुत आत्मविश्वास है और वह जानते हैं कि वह अपना 100 प्रतिशत देंगे. जब इस तरह का टकराव या विवाद होता है तो जाहिर तौर पर किसी भी खिलाड़ी के लिए यह थोड़ा परेशान करने वाला होता है. लेकिन मुझे उम्मीद है कि बोर्ड इस स्थिति से कुशलता से निपटेगा और इसे आगे नहीं खींचा जायेगा.