22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Yo-Yo Test को फिर से अनिवार्य करने पर विराट कोहली का पुराना वीडियो वायरल, PM मोदी से कही थी यह बात

विराट कोहली का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे यो-यो टेस्ट के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर रहे हैं. बता दें कि बीसीसीआई ने यो-यो टेस्ट को टीम में चयन के लिए एक बार फिर से अनिवार्य बना दिया है. कोहली की कप्तानी में ही इसे शुरू किया गया था.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बहुचर्चित यो-यो टेस्ट को फिर से टीम इंडिया में चयन के लिए अनिवार्य कर दिया है. भारतीय क्रिकेट में सबसे पहले फिटनेस टेस्ट की शुरुआत विराट कोहली की कप्तानी में हुई थी. कोहली ने फिटनेस में नये मानक स्थापित किये. खेल के प्रति अपने नये दृष्टिकोण के साथ कोहली कई मौजूदा और उभरते हुए खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा हैं. बीसीसीआई द्वारा एक बार फिर से फिटनेस टेस्ट अनिवार्य किए जाने के बाद, विराट कोहली का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यो-यो टेस्ट के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है.

फिटनेस के लिए यह टेस्ट जरूरी

पीएम मोदी से बातचीत के दौरान, विराट कोहली ने बताया कि भारतीय एथलीटों के लिए अपनी फिटनेस में सुधार करना कितना महत्वपूर्ण है और इस यात्रा में यो-यो टेस्ट की क्या भूमिका है. कोहली ने पीएम से कहा था, ‘फिटनेस के लिहाज से यह टेस्ट काफी अहम है. अगर हम ग्लोबल फिटनेस लेवल की बात करें तो हमारा फिटनेस लेवल दूसरी टीमों की तुलना में अभी भी कम है और हम इसे ऊपर उठाना चाहते हैं, जो एक बुनियादी जरूरत है.

कप्तान को सबसे पहले देना चाहिए टेस्ट

यह पूछे जाने पर कि क्या टीम के ‘कप्तान’ को भी इस तरह के परीक्षण से गुजरना पड़ता है, कोहली ने सबसे पहले इस टेस्ट के लिए मैं ही भागता हूं और अगर मैं फेल हो गया तो सेलेक्शन के लिए उपलब्ध नहीं रहूंगा. कोहली ने कहा कि टी20 और वनडे में काफी देर तक नहीं खेलना होता है तो एडजस्ट हो जाता है. लेकिन पांच दिन के टेस्ट मैच के लिए आपके फिटनेस का लेवल हाई होना चाहिए. इसमें पांच दिनों तक लगातार खेलना होता है.

Also Read: Explainer: क्या होता है DEXA Scan, बीसीसीआई ने टीम इंडिया में चयन के लिए इस टेस्ट को बनाया अनिवार्य


खिलाड़ियों के चोट से बीसीसीआई चिंतित

हाल के दिनों में मैदान में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के साथ-साथ खिलाड़ियों की बढ़ती चोट भी परेशानी का सबब बना हुआ है. ऐसे में यह समझा जा सकता है कि बीसीसीआई चाहता है कि खिलाड़ी फिटनेस मानकों के मामले में कोई समझौता नहीं करें. 2023 के एकदिवसीय विश्व कप के साथ, बोर्ड ने कुछ मामलों पर अपना रुख सख्त कर लिया है और इस तरह के और फैसले लिये जा सकते हैं. यो-यो टेस्ट के साथ डेक्सा स्कैन को भी जरूरी बना दिया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें