भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने रविवार को मुंबई में टीम इंडिया की समीक्षा बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण सिफारिशों की घोषणा की. इस साल भारत में होने वाले आगामी विश्व कप को ध्यान में रखते हुए सभी बदलाव किये गये हैं. भारत ने आखिरी बार 2011 में विश्व कप जीता था. तब से, टीम ने टी20 और वनडे विश्व कप में 2014 में केवल एक ही फाइनल खेला है. टीम को पिछले साल टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों 10 विकेट से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था.
रविवार को समीक्षा बैठक में बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी, सचिव जय शाह, कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच राहुल द्रविड़, एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण और चयनसमिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा मौजूद थे. बोर्ड ने यो-यो टेस्ट फिर से शुरू करने का फैसला किया है. टीम इंडिया यो-यो टेस्ट से अच्छी तरह वाकिफ है, जिसे 2019 में टीम के विश्व कप अभियान से पहले पहली बार पेश किया गया था. हालांकि, नवीनतम घोषणा में, एक नया परीक्षण DEXA स्कैन भी पेश किया गया.
टीम में जगह बनाने वाले खिलाड़ियों के लिए बीसीसीआई ने यो-यो टेस्ट और डेक्सा स्कैन को जरूरी बना दिया है. साथ ही बीसीसीआई ने कहा कि टीम में चयन के लिए युवा खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे जैसे घरेलू सीरीज में खेलना जरूरी होगा. बीसीसीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यो-यो टेस्ट और डेक्सा अब चयन मानदंड का हिस्सा होंगे और खिलाड़ियों के केंद्रीय पूल के अनुकूलित रोडमैप में लागू होंगे.
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डेक्सा (Dual Energy X-ray Absorptiometry) स्कैन व्यक्ति के शरीर में वसा प्रतिशत, दुबली मांसपेशियों, पानी की मात्रा और हड्डियों के घनत्व को मापने में मदद करता है. यह देखते हुए कि यो-यो टेस्ट के साथ परीक्षण शुरू किया गया है, खिलाड़ियों के लिए फिटनेस बेंचमार्क निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई चोटिल खिलाड़ियों की फिटनेस पर भी पैनी नजर रखेगा. बीसीसीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बैठक के दौरान आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के रोडमैप के साथ-साथ खिलाड़ियों की उपलब्धता, कार्यभार प्रबंधन और फिटनेस मापदंडों पर भी विस्तार से चर्चा की गयी.