IND vs ENG: कौन हैं सौरव कुमार? 2021 में नेट गेंदबाज से लेकर टीम इंडिया की टेस्ट टीम तक का सफर

रवींद्र जडेजा और केएल राहुल चोट के कारण इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से बाहर हो गए हैं. बीसीसीआई ने सरफराज खान के साथ स्पिनर सौरव कुमार को टीम में शामिल किया है. सौरव वही गेंदबाज हैं, जो 2021 में टीम इंडिया के लिए नेट गेंदबाज थे.

By Agency | January 29, 2024 9:34 PM

घरेलू क्रिकेट में पिछले एक दशक से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे बाएं हाथ के स्पिनर सौरभ कुमार ने इंग्लैंड के खिलाफ दो फरवरी से विशाखापत्तनम में होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में जगह बना ली है. इस उपलब्धि पर उन्होंने कहा कि यह सपने के सच होने जैसा है. तीस साल का यह स्पिनर 2022 में श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बना चुका है लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली थी. सौरभ को उम्मीद है कि इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा. यह खिलाड़ी 2021 में टीम का नेट गेंदबाज भी रह चुका है. हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उत्तर प्रदेश के इस खिलाड़ी को विशाखापत्तनम में कुलदीप यादव या वाशिंगटन सुंदर से पहले पदार्पण का मौका मिलेगा.

टीम में शामिल होना सपना सच होने जैसा

सौरव कुमार के पास कम से कम रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका होगा. सौरभ ने कहा, ‘भारतीय टीम का हिस्सा बनना हमेशा से एक सपना रहा है. मेरा मतलब है कि कौन सा क्रिकेटर ऐसा नहीं चाहेगा? इसके लिए बहुत सारी चीजों को एक साथ आने की जरूरत है, लेकिन मेरे पास थोड़ा अनुभव है.’ वह जिस अनुभव का जिक्र कर रहे थे वह 2021 में इंग्लैंड के भारत के पिछले दौरे के बारे में था जब वह भारतीय टीम में नेट गेंदबाज थे.

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रोहित और कोहली को कर चुके हैं गेंदबाजी

सौरव ने कहा, ‘आपको विराट कोहली या रोहित शर्मा को गेंदबाजी करने का ज्यादा मौका नहीं मिलता है. वे राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण रणजी ट्रॉफी या अन्य घरेलू मैचों में शायद ही खेलते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए एक मौका था. इससे उन पर करीब से नजर डालने और अध्ययन करने का मौका मिलता है. कुछ शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों को गेंदबाजी करना और उनके साथ बातचीत करना एक शानदार अनुभव था. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला.’

बिशन सिंह बेदी से मिली है प्रेरणा

भारतीय क्रिकेट प्रणाली में आम तौर पर 30 की उम्र के पास पहुंचने पर खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण का सपना छोड़ने लगते है लेकिन दिवंगत बिशन सिंह बेदी को आदर्श मानने वाले सौरभ कभी हार नहीं मानना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘बिशन सर मुझसे कहते थे कि कड़ी मेहनत करते रहो और जब भी मौका मिले अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहो.’ उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में कभी भी खुद को नेट या गेंदबाजी से दूर नहीं रखता.’

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बल्लेबाजी में भी योगदान दे सकते हैं सौरव कुमार

वह अपने कौशल को निखारने के लिए दिल्ली में बेदी के ग्रीष्मकालीन शिविरों में नियमित तौर पर भाग लेते थे. भारत के पूर्व बाएं हाथ के गेंदबाज और उत्तर प्रदेश के मौजूदा कोच सुनील जोशी ने ‘पीटीआई-भाषा से कहा, ‘सौरभ (कुमार) एक शानदार क्रिकेटर हैं, खेल और परिस्थिति को अच्छे से समझते हैं. वह जानते हैं कि अपनी लाइन और लेंथ को कैसे समायोजित करना है. उन्हें इन परिस्थितियों में और घरेलू क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा और मयंक अग्रवाल जैसे कुछ अच्छे खिलाड़ियों के खिलाफ गेंदबाजी करने का काफी अनुभव है. सौरभ ने अब अपनी बल्लेबाजी में भी सुधार किया है और वह निचले क्रम में बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं.’

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