Ben Stokes Retirement: मात्र 31 साल की उम्र में बेन स्टोक्स ने क्यों छोड़ा वनडे क्रिकेट? खुद बतायी यह बात
स्टोक्स के एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय करियर को लाॅर्ड्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप फाइनल में उनके 'प्लेयर ऑफ द मैच' प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा. उनके नाबाद 84 रन की मदद से इंग्लैंड की टीम अपना पहला 50 ओवर का विश्व खिताब जीतने में सफल रही थी.
Ben Stokes Retirement: इंग्लैंड के स्टार ऑलराउंडर और 2019 एकदिवसीय विश्व कप में टीम की खिताबी जीत के हीरो बेन स्टोक्स ने सभी को हैरान करते हुए सोमवार को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा कि तीनों प्रारूप में खेलना उनके लिए व्यावहारिक नहीं रह गया था. यह 31 वर्षीय खिलाड़ी मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरहम के अपने घरेलू मैदान पर अपना अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेलेगा.
2019 विश्व कप फाइनल की पारी यादगार
स्टोक्स के एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय करियर को लाॅर्ड्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप फाइनल में उनके ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा. उनके नाबाद 84 रन की मदद से इंग्लैंड की टीम अपना पहला 50 ओवर का विश्व खिताब जीतने में सफल रही थी. इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान स्टोक्स ने 104 एकदिवसीय मुकाबलों में 2919 रन बनाने के अलावा 74 विकेट भी चटकाये.
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इंग्लैंड की ओर से खेलने के हर लम्हे का लुत्फ उठाया
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के बयान में स्टोक्स के हवाले से कहा गया, मैं मंगलवार को डरहम में इंग्लैंड के लिए अपना अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलूंगा. मैंने इस प्रारूप से संन्यास लेने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, यह बेहद मुश्किल फैसला था. मैंने अपने साथियों के साथ इंग्लैंड की ओर से खेलने के प्रत्येक लम्हे का लुत्फ उठाया. हमारा सफर शानदार रहा. स्टोक्स ने कहा, यह निर्णय लेना जितना कठिन था उतना इस तथ्य से निपटना कठिन नहीं है कि मैं अपने साथियों को अब इस प्रारूप में अपना 100% नहीं दे सकता. इंग्लैंड की ओर से खेलने पर किसी के लिए भी इससे कम का प्रयास स्वीकार्य नहीं है.
‘अब तीनों प्रारूप में खेलना व्यावहारिक नहीं रहा’
आयरलैंड के खिलाफ 2011 में एकदिवसीय पदार्पण करने के बाद स्टोक्स इंग्लैंड के शीर्ष ऑलराउंडर बनकर उभरे और उन्होंने इस प्रारूप में तीन शतक जड़े. स्टोक्स ने कहा कि वह अपना शत प्रतिशत नहीं दे पा रहे और अब उनके लिए तीनों प्रारूप में खेलना व्यावहारिक नहीं रहा. उन्होंने कहा, तीनों प्रारूपों में एक साथ खेलना अब मेरे लिए व्यावहारिक नहीं है. मुझे ना केवल लगता है कि मेरा शरीर व्यस्त कार्यक्रम के कारण और हमारे से जो उम्मीदें की जाती है उसे देखते हुए मुझे निराश कर रहा है. साथ ही मुझे यह भी लगता है कि मैं एक अन्य खिलाड़ी की जगह ले रहा हूं जो जोस (सीमित ओवरों के कप्तान जोस बटलर) और बाकी टीम को अपना सब कुछ दे सकता है.
साथी खिलाड़ियों और स्टाफ को दीं शुभकामनाएं
इस ऑलराउंडर ने कहा, अब समय आ गया है कि कोई और क्रिकेटर के रूप में प्रगति करे और उसी तरह अविश्वसनीय यादें तैयार करे, जैसे मैं पिछले 11 वर्षों से कर रहा हूं. स्टोक्स ने कहा, मेरे पास जो भी हैं मैं उसे टेस्ट क्रिकेट में झोंक दूंगा और अब इस फैसले से मुझे लगता है कि मैं टी20 प्रारूप के लिए अपनी पूरी प्रतिबद्धता दिखा सकता हूं. उन्होंने बटलर और सीमित ओवरों की टीम के मौजूदा कोच मैथ्यू मोट को शुभकामनाएं दी. स्टोक्स ने कहा, मैं भविष्य के लिए जोस बटलर, मैथ्यू मोट, खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ को शुभकामनाएं देना चाहता हूं. पिछले सात साल में हमने सफेद गेंद के क्रिकेट में लंबा सफर तय किया है और भविष्य उज्जवल है. उन्होंने कहा, मैं अब तक जिन 104 मुकाबलों में खेला वे सभी मुझे पसंद हैं, मुझे एक और मुकाबला खेलना है और डरहम में अपने घरेलू मैदान पर अपना अंतिम मैच खेलने का एहसास शानदार है.
ईसीबी ने हर प्रारूप में बताया सुपरस्टार
स्टोक्स को हाल ही में इंग्लैंड की टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है. ईसीबी के अंतरिम सीईओ क्लेयर कोनोर ने कहा, बेन स्टोक्स हमारे खेल के प्रत्येक प्रारूप में सुपर स्टार है. लाॅर्ड्स में 2019 में आईसीसी पुरुष विश्व कप फाइनल में उनके बेजोड़ योगदान से इंग्लैंड की पुरुष टीम पहली बार इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को जीत पाई. उन्होंने कहा, बेन दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की नहीं बल्कि प्रेरणादायी व्यक्ति भी है इसलिए हमारी एकदिवसीय टीम को उनकी कमी खलेगी. लेकिन उनके टेस्ट कप्तान स्वीकार करने और व्यस्त क्रिकेट कैलेंडर को देखते हुए हम उसके फैसले को समझ सकते हैं और इसका पूरा सम्मान करते हैं. (इनपुट : भाषा)