बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना ने हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से ये आरोप लगाया था कि उन्हें फिट होने के बावजूद भारतीय टीम में नहीं चुना गया. जबकि पूर्व चयनकर्ता एम एस के प्रसाद ने उनके इस आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनकी इस बातों में कोई सच्चाई नहीं है. प्रसाद ने कहा कि उनका घरेलू टूर्नामेंट में प्रदर्शन वापसी के लिए नाकाफ़ी था.
पिछले साल नीदरलैंड में घुटने का ऑपरेशन कराने वाले रैना को प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा कि वी वी एस लक्ष्मण को भी 1999 में भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था.
जिसके बाद उन्होंने घरेलू टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 1400 रन बनाए थे. जब आप टीम के सीनियर प्लेयर हैं तो आपसे ऐसा ही प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है.
प्रसाद ने आगे इस बारे में बताते हुए कहते हैं कि रैना के मुकाबले दूसरे युवा प्लेयर का प्रदर्शन काफी बेहतर था. मुझे इस बात का दुख है कि रैना ने ये आरोप लगाया है कि चयन करने के लिए घरेलू सीरीज का प्रदर्शन नहीं देखा जाता है, अगर आप पिछले 4 साल का बीसीसीआई चयन समिति का रिकॉर्ड उठाकर चेक कर लें, आपको पता चल जाएगा कि चयन समिति ने घरेलू टूर्नामेंट के आधार पर ही टीम का चयन किया है.
प्रसाद ने आगे दावा किया कि उन्होंने रैना को खुद कमरे में बुलाकर उनके भविष्य की योजना को लेकर बात की थी. तब उन्होंने मेरे प्रयासों की सराहना की थी. मैंने खुद उत्तर प्रदेश और कानपुर के 4 रणजी मैच देखे थे, हमारी चयन समिति ने खुद 200 से ज्यादा रणजी मैच को देखा था.
प्रसाद ने मोहिन्दर अमनरनाथ का उदाहरण देते हुए कहा कि रैना को भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी रहे अमरनाथ के करियर को देखना चाहिए, वो भारतीय टीम से कई बार बाहर हुए थे, लेकिन घरेलू टीम में अच्छे प्रदर्शन करके टीम में वापसी की थी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि एमएसके प्रसाद का ये दावा सही है तो रैना ने क्या झूठ बोला था. खैर सच्चाई क्या है इस बात का पता तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
बहरहाल अगर हम रैना की पिछले आईपीएल की बात करें तो पता चलता है कि रैना ने 17 मैचों में 383 रन बनाए थे. वहीं उनके अगर घरेलू सीजन की बात करें तो उन्होंने रणजी सत्र के पांच मैचों में 243 रन बनाए थे. आपको बता दें कि रैना ने अपना आखिरी मुकाबला 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था.