टीम इंडिया के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर के प्रदर्शन पर चयनकर्ताओं की निगाहें होंगी, क्योंकि भारत, वेस्टइंडीज के खिलाफ शनिवार से टी-20 आई के तीसरे मुकाबले में अपने खिलाड़ियों को परखेगा. इसमें प्रदर्शन के आधार पर ही टी-20 विश्व कप और एशिया कप के लिए टीमों को अंतिम आकार दिया जायेगा. भारत वर्तमान में पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा है और संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा में दो प्रचंड जीत से ज्यादा संतोषजनक कुछ नहीं होगा. हालांकि भारत की इस मौजूदा व्यवस्था में अगर कोई एक व्यक्ति है जिसके प्रदर्शन पर किसी और से ज्यादा नजर रखी जायेगी, तो वह अय्यर होना चाहिए.
दीपक हुड्डा ने उन्हें मिले अधिकांश अवसरों का उपयोग किया है. जहां तक टी-20 विश्व कप के टिकट का सवाल है वह अय्यर को पछाड़ सकते हैं. हुड्डा की सबसे बड़ी खासियत उनकी गेंदबाजी भी है. केएल राहुल और विराट कोहली के साथ एशिया कप के लिए प्लेइंग इलेवन में वापसी करने के लिए उनके पास एक अच्छा मौका होगा. श्रेयस जहां तेज डिलीवरी के खिलाफ स्पष्ट रूप से असहज दिख रहे हैं. हुड्डा के लिए काम आसान हो सकता है.
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अय्यर को देखकर लगता है कि वह यह तय करने में असमर्थ हैं कि वह टी-20 खेल में किस गति और किस गियर में बल्लेबाजी करेंगे. मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के अब तक के शासन में किसी भी खिलाड़ी को मौके के मामले में कच्चा सौदा नहीं मिला है और सफल होने के लिए पर्याप्त मौके दिये गये हैं. हालांकि, अय्यर के मामले में, उन्होंने टी-20 आई में उस तरह का परिणाम नहीं दिया है जो उन्हें ODI क्रिकेट में देते हुए देखा गया है.
फिर भी, द्रविड़ ने पिछले ढाई महीनों में अय्यर को नौ टी-20 में खेलने का मौका दिया. अगर अय्यर को अगले दो मैचों में मौका मिल जाता है, तो उनके पास अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि एशिया कप टीम पूरी संभावना है कि टी20 विश्व कप के लिए भी संभावित टीम होगी. भले ही अय्यर एशिया कप या टी-20 विश्व कप के लिए जगह बना लेते हैं. लेकिन उनके शीर्ष क्रम में पहली एकादश में जगह बनाने की बहुत कम संभावना है.