पिछले कुछ सालों में भारतीय महिला किक्रेट टीम की खिलाड़ियों ने ग्राउंड पर आश्चर्यजनक प्रदर्शन कर खुद को साबित कर दिखाया है कि वह किसी भी मायने में पुरुषों से कम नहीं हैं. खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अब ग्राउंड पर क्रिकेट को सुपरवाइज करने में भी महिलाएं आगे रही हैं. पिछले दिनों रणजी ट्रॉफी सीजन में इसकी झलक भी दिखी. पहली बार महिला अंपायर ने रणजी ट्रॉफी मैचों में अपायरिंग की भूमिका निभायी. अब एक कदम आगे बढ़कर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम फैसला लिया है. दरअसल, 10 फरवरी से दक्षिण अफ्रीका में शुरू होने वाले महिला टी20 वर्ल्ड कप में इस बार सारी मैच ऑफिशियल्स महिलाएं होंगी. आइसीसी ने 13 सदस्यों की एक सूची जारी की है. इसमें भारत से जीएस लक्ष्मी, वृंदा राठी और एन. जननी ने ऑफिशियल्स के तौर पर शामिल होकर देश का मान बढ़ाया है. ये तीनों देश की दूसरी महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्त्राेत बन गयी हैं.
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18 साल खेलने के बाद आइसीसी मैच रेफरी पैनल में बनायी जगह
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जन्म-स्थान : 23 मई, 1968 राजमुंदरी, आंध्रप्रदेश
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कॉलेज : जमशेदपुर महिला कॉलेज
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उपलब्धि : साल 1999 में इंग्लैंड दौरे के लिए का भारतीय टीम में हुआ था चयन, पर नहीं मिल पाया खेलने का मौका
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अक्तूबर 2019 में पुरुष वनडे मुकाबले में रेफरी की भूमिका निभाने वाली पहली महिला बनीं
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कभी मैचों में करती थीं स्कोरर का काम, अब करेंगी अंपायरिंग
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जन्म-स्थान : 14 फरवरी 1989, मुंबई
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कॉलेज : मुंबई विश्वविद्यालय
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उपलब्धि : साल 2010 में वृंदा राठी ने पास की बीसीसीआइ की स्कोरिंग परीक्षा
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साल 2013 में हुए महिला विश्व कप क्रिकेट में बतौर स्कोरर रह चुकी हैं
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अंपायर बनने की चाहत में छोड़ दी आइटी की नौकरी
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जन्म-स्थान : 28 अप्रैल 1985, चेन्नई, तमिलनाडु
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शिक्षा : बीटेक इन कंप्यूटर साइंस
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उपलब्धि : साल 2018 में जननी ने बीसीसीआइ की लेवल 2 की अंपायरिंग की परीक्षा में हिस्सा लिया और अव्वल रहीं. 2021 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में कर चुकी हैं अंपायरिंग