लेग स्पिनर एडम जंपा की अगुवाई में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी और पिछली बार के चैंपियन इंग्लैंड को 33 रन से हराकर उसे विश्व कप से बाहर कर दिया. साथ ही सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को पंख भी लगाए.
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए और उसकी टीम 49.3 ओवर में 286 रन पर आउट हो गई. इस टूर्नामेंट में लगातार खराब प्रदर्शन करने वाली इंग्लैंड के लिए यह स्कोर भी पहाड़ जैसा बन गया और उसकी टीम 48.1 ओवर में 253 रन बनाकर आउट हो गई.
ऑस्ट्रेलिया की सात मैच में यह पांचवीं जीत है जिससे उसके 10 अंक हो गए हैं और उसने तीसरे नंबर पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. इंग्लैंड की यह सात मैच में छठी हार है, जिससे उसकी सेमीफाइनल में पहुंचने की धुंधली उम्मीद भी समाप्त हो गई है. मार्नस लाबुशेन (83 गेंद पर 71 रन) ने स्टीव स्मिथ (52 गेंद पर 44) के साथ तीसरे विकेट के लिए 75 और कैमरन ग्रीन (52 गेंद पर 47) के साथ पांचवें विकेट के लिए 61 रन की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती झटकों से उबारने का प्रयास किया.
निचले क्रम में मार्कस स्टोइनिस (32 गेंद पर 35) और एडम जंपा (19 गेंद पर 29) ने उपयोगी योगदान दिया. इंग्लैंड की तरफ से क्रिस वोक्स ने 54 रन देकर चार विकेट लिए। उनके अलावा आदिल राशिद और मार्क वुड ने दो-दो विकेट हासिल किए. लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाज फिर से नहीं चल पाए। बेन स्टोक्स (90 गेंद पर 64, दो चौके, तीन छक्के) ने डाविड मलान (64 गेंद पर 50) के साथ तीसरे विकेट के लिए 84 और मोईन अली (43 गेंद पर 42) के साथ पांचवें विकेट के लिए 61 रन की साझेदारी की। वोक्स (32) और राशिद (20) हार का अंतर ही कम कर पाए.
एडम जंपा ने 10 ओवर में 21 रन देकर तीन विकेट लिए. कप्तान पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड ने दो-दो विकेट लिए. स्टार्क ने पारी की पहली गेंद पर जॉनी बेयरस्टो को विकेट के पीछे कैच कराया. ऑस्ट्रेलिया ने इसी ओवर में जो रूट के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील पर रिव्यू गंवाया. स्टार्क के तीसरे ओवर में लाबुशेन के कहने पर लिया गया कैच का रिव्यू हालांकि ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में गया और रूट को 13 रन बनाकर पवेलियन लौटना पड़ा.
मलान और स्टोक्स ने इसके बाद सतर्कता और आक्रामकता का अच्छा नमूना पेश किया और 22 ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया. मलान हालांकि अर्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद लांग लेग पर कैच दे बैठे. उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया.
कप्तान जोस बटलर (01) फिर से नहीं चल पाए और जंपा की गेंद हवा में लहराकर पवेलियन लौटे. इससे स्कोर चार विकेट पर 106 रन हो गया. स्टोक्स ने अपनी पारी का दूसरा छक्का लगाकर 74 गेंद पर 50 रन की संख्या पार की. जंपा ने हालांकि उनके तेवरों पर जल्द ही विराम लगा दिया जबकि कमिंस ने लियम लिविंगस्टोन (02) को अपना दूसरा शिकार बनाया. जंपा ने मोइन को डीप मिड विकेट पर कैच करा कर इंग्लैंड की रही सही उम्मीद भी समाप्त कर दी.
इससे पहले इंग्लैंड ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजी सौंपी और फिर वोक्स ने पहले छह ओवर के अंदर दोनों सलामी बल्लेबाजों ट्रेविस हेड (11) और डेविड वार्नर (15) को पवेलियन भेजकर कप्तान जोस बटलर का फैसला सही साबित किया. इन दोनों बल्लेबाजों की टाइमिंग सही नहीं थी और गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कैच के रूप में गई.
लाबुशेन और स्मिथ ने संभलकर बल्लेबाजी की और किसी तरह के जोखिम भरे शॉट नहीं खेलकर स्ट्राइक रोटेट करने पर ध्यान दिया. जब इन दोनों की साझेदारी इंग्लैंड के लिए सिरदर्द बनती जा रही थी तब बटलर ने दोनों छोर से स्पिन आक्रमण लगाया. इस बार लेग स्पिनर राशिद ने स्मिथ और जोश इंग्लिश (03) को लगातार ओवर में आउट करके अपने कप्तान को निराश नहीं किया. इन दोनों ने शॉर्ट थर्ड मैन पर मोईन अली को कैच दिया.
लाबुशेन 63 गेंद पर 50 रन पर पहुंचे, जो उनका वनडे में दसवां अर्धशतक है. वह जब सहजता से रन बटोर रहे थे तब वुड ने उन्हें पगबाधा आउट करके इंग्लैंड को बड़ी सफलता दिलाई. लाबुशेन ने अपनी पारी में सात चौके लगाए.
अब जिम्मेदारी दो ऑलराउंडर ग्रीन और स्टोइनिस पर टिकी थी. यह दोनों डेथ ओवरों के लिए मंच तैयार कर रहे थे, लेकिन तभी डेविड विली ने ग्रीन का लेग स्टंप थर्राकर उन्हें अर्धशतक पूरा नहीं करने दिया. स्टोइनिस ने लियाम लिविंगस्टोन पर छक्का और चौका जड़ने के बाद एक और बड़ा शॉट खेला जिसे बेयरस्टॉ ने डीप मिडविकेट पर बड़ी खूबसूरती से कैच में बदल दिया.
जंपा ने स्टार्क (10) के साथ नौवें विकेट के लिए 38 रन की उपयोगी साझेदारी की. वोक्स ने इन दोनों को पारी के आखिरी ओवर में आउट करके ऑस्ट्रेलिया को 300 रन तक नहीं पहुंचने दिया.