‘ये एक ऐसी चीज है, जिसे मैं फिर से जीना चाहूंगा’, राष्ट्रपति से मिलकर बोल सचिन तेंदुलकर

Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में प्रेसीडेंट द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपने जीवन के सबसे बड़े लम्हे को याद कर कहा कि वे इसे फिर से जीना चाहेंगे.

By Anant Narayan Shukla | February 7, 2025 7:35 AM
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Sachin Tendulkar: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कल गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनी साइन की हुई भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी उन्हें भेंट की. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी अंजलि और बेटी सारा तेंदुलकर भी मौजूद रहीं. क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान 2011 विश्व कप जीत के पलों को याद किया और कहा कि वह इसे फिर से जीना चाहेंगे.

तेंदुलकर ने अपने परिवार के साथ राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. राष्ट्रपति भवन विमर्श सम्मेलन में बोलते हुए 51 वर्षीय तेंदुलकर ने कहा कि 2011 विश्व कप जीत उनके जीवन का सबसे अच्छा पल था. राष्ट्रपति भवन विमर्श सम्मेलन में एक कार्यक्रम के दौरान सचिन तेंदुलकर ने कहा, “2011 विश्व कप एक ऐसी याद है जिसे मैं फिर से जीना चाहूंगा. 1983 में शुरू हुआ सफर और सपना. मैंने कई प्रयास किए, असफल रहा लेकिन कभी उम्मीद नहीं खोई. इसलिए, यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा पल है.”

भारत ने 2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुए फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को छह विकेट से हराया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 50 ओवरों में 274/6 रन बनाए. महेला जयवर्धने (103*) के नाबाद शतक और कप्तान कुमार संगकारा (48), नुवान कुलसेकरा (32) और थिसारा परेरा (22*) की पारियों ने लंका को प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचाया. युवराज सिंह और जहीर खान ने दो-दो विकेट और हरभजन सिंह ने एक विकेट लिया.

275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने सहवाग (0) और तेंदुलकर (18) के विकेट जल्दी खो दिए. लेकिन गौतम गंभीर और विराट कोहली (35) के बीच 83 रनों की साझेदारी ने भारत की संभावनाओं को पुनर्जीवित कर दिया. गंभीर ने 122 गेंदों में 97 रन बनाए धोनी और युवराज (21*) ने पांचवें विकेट के लिए नाबाद 54 रन की साझेदारी की जिसकी बदौलत टीम इंडिया 28 साल में पहली बार विश्व कप खिताब जीतने में सफल रही.

इसके अलावा, तेंदुलकर ने अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर के बारे में भी बात की. सचिन ने कहा, “आचरेकर सर ने मेरे जीवन में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. वह मुझे गर्मियों की छुट्टियों के दौरान बल्लेबाजी के लिए 5 अलग-अलग नेट्स पर ले जाते थे. वह सुनिश्चित करते थे कि हम कभी भी शॉर्टकट न अपनाएं जिससे मैं मानसिक रूप से मजबूत बनूं.”

राष्ट्रपति भवन ने अपने बयान में कहा, “क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी श्री सचिन तेंदुलकर ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. बाद में, आरबी पहल ‘राष्ट्रपति भवन विमर्श संगोष्ठी’ के तहत एक संवादात्मक सत्र में, उन्होंने एक क्रिकेटर के रूप में अपनी यात्रा के उपाख्यानों के माध्यम से प्रेरणा के सिद्धांतों को साझा किया.”

राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस सत्र में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों और छात्रों ने भाग लिया. सचिन ने इस सत्र में टीम वर्क, दूसरों का ख्याल रखने, दूसरों की सफलता का जश्न मनाने, कड़ी मेहनत करने, मानसिक और शारीरिक मजबूती विकसित करने और जीवन निर्माण के कई अन्य पहलुओं के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भविष्य के खेल सितारे दूरदराज के इलाकों और आदिवासी समुदायों और उन इलाकों से आएंगे जो इतने विशेषाधिकार प्राप्त नहीं हैं.

इससे पहले शनिवार को, तेंदुलकर को मुंबई में BCCI अवार्ड्स में कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया. मास्टर ब्लास्टर के नाम टेस्ट और वनडे में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है, साथ ही 100 शतक बनाने का अनोखा कारनामा भी है.

सचिन तेंदुलकर की तमाम उपलब्धियों के कारण ही क्रिकेट प्रेमियों ने उन्हें ‘क्रिकेट के भगवान’ का भी दर्जा दिया है. उन्होंने 1989 से 2013 तक अपने शानदार खेल से दुनियाभर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. महाराष्ट्र में जन्मे इस महान खिलाड़ी ने मात्र 16 वर्ष की उम्र में 15 नवंबर 1989 को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और 18 दिसंबर 1989 को अपना पहला वनडे मैच खेला था.

शनिवार को मुंबई में आयोजित बीसीसीआई अवॉर्ड्स में भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर को कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. क्रिकेट की दुनिया में ‘मास्टर ब्लास्टर’ के नाम से पहचाने जाने वाले तेंदुलकर के नाम टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है. इसके अलावा, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने की ऐतिहासिक उपलब्धि भी हासिल की है.

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ANI Input.

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