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दो विश्वकप का हीरो और ‘इंग्लैंड से दोगुना लगान’ वसूलने वाला खिलाड़ी, आज है जन्मदिन

Yuvraj Singh: लगभग दशक तक इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना जलवा दिखाने वाले युवराज सिंह आज 43 साल के हो गए. उनके जन्मदिन पर हम उनकी दो सबसे महान पारियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं.

Yuvraj Singh: 19 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले युवराज ने भारतीय क्रिकेट में 19 साल का सफर तय किया. 12 दिसंबर 1981 को जन्मे युवराज भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिनके दम पर भारत ने कई मैच जीते हैं. लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उनकी बल्लेबाजी अलग रौब में होती थी. चाहे 2007 के टी20 विश्वकप की बात हो या 2002 के लॉर्ड्स स्टेडियम में 326 रन का पीछा करते हुए उनकी जुझारू पारी. विश्वकप के मुकाबले में तो युवराज ने गजब ढा दिया था.  

2002 के लॉर्ड्स मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच नैटवेस्ट सीरीज का फाइनल मैच चल रहा था. इंग्लैंड ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 325 रन बना दिए. कप्तान नासिर हुसैन और मार्कस टेस्कोर्थिक ने शतक लगाया. उस समय 300 के पार का स्कोर एक सुरक्षित स्कोर माना जाता था. लेकिन भारतीय टीम को उस दिन जीत के सिवा कुछ मंजूर नहीं था. 326 रन का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 146 रन पर ही 5 विकेट खो दिए थे. फिर मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने 121 रन की साझेदारी करके इंग्लैंड के मुंह से जीत छीन ली. मोहम्मद कैफ और जहीर खान के नाबाद रहते हुए भारत को 2 विकेट से जीत दिलाई. इस जीत के बाद गांगुली की आइकॉनिक तस्वीरें सामने आई थीं, जिनमें वे टीशर्ट निकालकर लहराते हुए नजर आए थे. देखें उस पारी का शानदार वीडियो.

2007 टी20 विश्वकप में युवराज की आतिशी पारी

इसी तरह इंग्लैंड के खिलाफ 2007 के टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में भी युवी ने धुआंधार बल्लेबाजी की. युवी ने उस मैच में मात्र 12 गेंद में ही 50 रन ठोक दिए. स्टुअर्ट ब्रॉड इंग्लैंड के लिए 19 ओवर लेकर आए, जिसमें युवराज ने 6 गेंदों में लगातार 6 छक्के लगाए. उनके 16 गेदों में 58 रन की पारी की बदौलत भारत ने 20 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 218 रन बनाए. इंग्लैंड ने भी उस मैच में गजब की बल्लेबाजी की लेकिन भारत ने वह मैच 18 रन से जीता. इसके बाद फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर टी20 इतिहास का पहला वर्ल्ड कप अपने नाम किया.

आखिर हुआ क्या था, इंग्लैंड के खिलाफ उस मुकाबले में

6 छक्के लगाने के पीछे की कहानी को बाद में युवराज ने साझा किया, उन्होंने कहा, “मैंने एंड्रयू फ्लिंटॉफ की दो गेंदों पर 2 चौके लगा दिए, यह उन्हें पसंद नहीं आया, उन्होंने मेरे शॉट्स को घटिया तक बता दिया. इसके अलावा उन्होंने मुझसे कहा कि वह मेरा गला काट देंगे. इस झड़प से पहले मेरा 6 छक्के लगाने का कोई इरादा नहीं था. मैंने फ्लिंटॉफ से कहा कि मेरे हाथ में जो बल्ला है, तुम जानते हो उससे मैं तुम्हें कहां मार सकता हूं. इसके बाद अंपायर्स बीच में आ गए और फिर मैंने फैसला कर लिया कि हर गेंद को सिर्फ बाउंड्री के बाहर मारना है. मेरी किस्मत अच्छी रही कि उस दिन मैं ऐसा करने में कामयाब रहा.” देखिये युवी की छह छक्कों वाली शानदार पारी.

युवराज आईसीसी के सभी बड़े टूर्नामेंट में भारतीय टीम के सदस्य रहे, जिनमें भारत ने जीत दर्ज की. उन्होंने भारत की 2007 टी20 वर्ल्ड कप, 2011 ओडीआई विश्व कप जीत में अपनी धाक जमाई. युवराज ने 3 अक्टूबर 2000 को वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया, जिसके बाद अपने संन्यास लेने तक उन्होंने 304 वनडे मैचों में 8701 रन बनाए. उन्होंने 40 टेस्ट मैच और 58 टी20 मुकाबले भी खेले. वे भारत के उन गिने चुने खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने तीनों फॉर्मेट में क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया. अपने लंबे-लंबे छक्के लगाने के लिए मशहूर युवी ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में 251 छक्के लगाए. कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को मात देने के बाद वापसी करने के बाद युवराज ज्यादा क्रिकेट खेल नहीं पाए और 2019 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया.

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