युवराज सिंह ने टीम इंडिया के विश्व कप जीतने की संभावना पर उठाए सवाल, सहवाग ने दिया करारा जवाब
भारत ने आज से 12 साल पहले महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में वनडे वर्ल्ड कप जीता था. तब फाइनल मुकाबला वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था. इस बार फिर भारत मेजबान है और वर्ल्ड कप जीतने का भारत का पूरा चांस है. हालांकि युवराज सिंह ने इसपर सवाल उठाया है.
भारत ने दूसरी बार जब वर्ल्ड कप खिताब जीता था तो 2011 में उस टूर्नामेंट की मेजबानी इसी देश ने की थी. 12 साल बाद टीम इंडिया के पास एक और मौका है. क्योंकि भारत 2023 वर्ल्ड कप का मेजबान है. 2011 में एमएस धोनी की अगुवाई वाली टीम ने मुंबई के खचाखच भरे वानखेड़े स्टेडियम में ट्रॉफी उठाकर 28 साल का लंबा इंतजार खत्म किया था. इसके बाद अब तक भारत को हर प्रारूप के विश्व कप में निराशा के अलावा कुछ नहीं झेलना पड़ा.
रोहित शर्मा के पास है बड़ा मौका
इस साल अक्टूबर में, रोहित शर्मा के पास धोनी का अनुकरण करने और आईसीसी खिताब के लिए भारत के एक दशक से अधिक लंबे इंतजार को खत्म करने का मौका होगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या रोहित की अगुवाई वाली टीम के पास हर स्तर तक जाने के लिए पर्याप्त मारक क्षमता है? यही सवाल भारत के पूर्व ऑलराउंडर और 2011 में भारत की जीत के सूत्रधारों में से एक युवराज सिंह ने भी पूछा था.
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युवराज ने कही यह बात
युवराज ने गुरुवार को एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर वर्तमान भारतीय टीम की दबाव झेलने और घरेलू दर्शकों के सामने 12 साल पहले उनकी टीम की तरह अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता पर सवाल उठाया. उन्होंने लिखा कि हम सभी ICC World Cup 2023 में 2011 की पुनरावृत्ति चाहते हैं लेकिन 2011 में टीम इंडिया दबाव में चमकी थी. 2023 में, टीम फिर से प्रदर्शन करने के दबाव में है. क्या हमारे पास इसे बदलने के लिए पर्याप्त समय है? क्या हम इस दबाव का उपयोग एक गेम चेंजर के रूप में कर सकते हैं.
We all want a repeat of 2011 in #ICCWorldCup23 BUT
In 2011 #TeamIndia shined under pressure.
In 2023, Again, the team is under pressure to perform
Do we have enough time to turn this around?
Can we use this pressure to become a ‘Game changer’ #WillIndiaWin?#CWC23 #Ad…— Yuvraj Singh (@YUVSTRONG12) September 7, 2023
सहवाग ने दिया युवराज को जवाब
युवराज को अपने पूर्व साथी और भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग से तुरंत जवाब मिला. इस धाकड़ बल्लेबाज और 2007 (टी20) और 2011 (वनडे) में भारत की पिछली दो विश्व कप विजेता टीमों के सदस्य ने कहा कि रोहित, विराट कोहली, शुभमन गिल, हार्दिक पंड्या और जसप्रीत बुमरा जैसे खिलाड़ी दबाव में नहीं झुकेंगे. उन्होंने कहा कि बात प्रेशर की है, तो इस बार हम प्रेशर लेंगे नहीं, देंगे! चैंपियंस की तरह! सहवाग ने युवराज को यह भी याद दिलाया कि पिछले तीन वनडे विश्व कप मेजबान देश – 2011 में भारत, 2015 में ऑस्ट्रेलिया और 2019 में इंग्लैंड ने जीते थे.
“ @YUVSTRONG12 ayi baat pressure ki, toh iss bar hum pressure lenge nahi, denge! Like champions!
Peechle 12 saal mein, host team world cup jeeti hain!2011 – We won at Home
2015 – Australia won in Australia
2019 – England won in England
2023 – Hum Toofan Machayenge!#CWC23… https://t.co/Dx0VVoTfTd
— Virender Sehwag (@virendersehwag) September 7, 2023
सहवाग ने कहा हम जीतेंगे
सहवाग ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘पिछले 12 साल में, मेजबान टीम ने सभी एकदिवसीय विश्व कप जीते हैं. 2011 – हमने घरेलू मैदान पर जीत हासिल की. 2015 – ऑस्ट्रेलिया ने ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल की. 2019 – इंग्लैंड ने इंग्लैंड में जीत हासिल की. 2023 – हम तूफ़ान मचाएंगे!.’
आईसीसी विश्व कप 2023 के लिए भारत की ताकत और कमजोरियां
भारत निश्चित रूप से दो कारणों से कप जीतने के प्रबल दावेदारों में से एक है. पहला – उनके पास मैच विजेताओं से भरी एक बहुत अच्छी टीम है. और दूसरा – विश्व कप पहली बार पूरी तरह से भारत में खेला जाएगा. बल्लेबाजी विभाग में भारत के पास गिल, रोहित, कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और इशान किशन जैसे खिलाड़ी हैं. हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा के रूप में उनके पास वर्तमान में विश्व क्रिकेट के दो सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं. तेज गेंदबाजी विभाग का नेतृत्व जसप्रीत बुमराह करेंगे. उनके पास समर्थन के लिए मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज होंगे. कुलदीप यादव भारत के विशेषज्ञ स्पिनर हैं.
भारत का कमजोर पक्ष
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि भारत में कमजोरियां नहीं हैं. सबसे पहले, टीम के पास शीर्ष छह में कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं है. हां, अगर केएल राहुल के ऊपर इशान किशन को कीपर-बल्लेबाज के रूप में पसंद किया जाता है तो इसका हल हो सकता है. दूसरी कमी यह है कि टीम में कोई ऑफ स्पिनर नहीं है. केवल एक विशेषज्ञ स्पिनर और दो बाएं हाथ के स्पिन-गेंदबाजी ऑलराउंडरों के साथ टीम स्पिन विभाग में कमजोर दिखाई देती है. एक और बात है कि भारतीय निचले क्रम के बल्लेबाजों के बल्ले पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे में शार्दुल ठाकुर को एकादश में चुनना होगा और एकादश में शमी या सिराज की बलि देनी होगी.