भारत के पूर्व स्टार हरफनमौला युवराज सिंह का मानना है कि क्रिकेट तभी बहाल होना चाहिए, जब कोरोना वायरस महामारी पूरी तरह से खत्म हो जाए क्योंकि खिलाड़ियों की सेहत और सुरक्षा खेल प्रशासकों के लिए सर्वोपरि होनी चाहिए. सभी खेलों की तरह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद है. ऐसे में विभिन्न बोर्ड दर्शकों के बिना खाली स्टेडियमों में मैच कराने की सोच रहे हैं.
युवराज ने बीबीसी पर ‘ द दूसरा’ पॉडकास्ट में कहा ,‘‘ मेरी निजी राय है कि पहले अपने देश और दुनिया को कोरोना वायरस से बचाना है. ” उन्होंने कहा ,‘‘ इसे पूरी तरह से खत्म करना होगा क्योंकि अगर यह बढ़ता रहा तो खिलाड़ी मैदान पर जाने से, ड्रेसिंग रूम या चेंजिंग रूम में जाने से भी डरेंगे.
” विश्व कप 2011 के ‘प्लेयर आफ द टूर्नामेंट’ ने कहा कि खिलाड़ियों पर वैसे ही मैदान पर काफी दबाव रहता है और वायरस के बारे में सोचते रहने से खेल पर से उनका ध्यान हटेगा. उन्होंने कहा ,‘‘ खिलाड़ी किसी भी देश या क्लब के लिए खेले, उस पर काफी दबाव रहता है. ऐसे में कोरोना वायरस का डर को लेकर वह खेलना नहीं चाहेगा. ” युवराज ने कहा ,‘‘ जब आप दस्ताने पहनकर उतरेंगे, पसीना बह रहा हैं और आप बल्लेबाजी कर रहे हैं.
आपका केला खाने का मन है लेकिन किसी और के हाथ में केला है तो आप सोचेंगे कि नहीं , मुझे नहीं खाना चाहिए. ” उन्होंने कहा ,‘‘ आप खेलते समय इस तरह के सवालों से बचना चाहेंगे. आपका ध्यान खेल पर होना चाहिए. यह मेरी राय है. इस पर लोग अपनी राय रख सकते हैं. ”