साल 2004 में टीम से बाहर हो गए थे जहीर खान, फिर ऐसे की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी
लक्ष्मण ने पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान के बारे में बताया है उन्होंने जहीर की तारीफ में कहा है कि श्रीरामपुर से निकलकर शिखर तक पहुँचने वाले जहीर खान की सफलता उनके कैरेक्टर की ताकत को दर्शाता है.
भारत के पूर्व खिलाड़ी वी वी एस लक्ष्मण इन दिनों अपने ट्विटर पर उनके साथ खेले गए साथी खिलाड़ियों की खासियत के बारे में बता रहे हैं, इसी कड़ी में आज लक्ष्मण ने पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान के बारे में बताया है उन्होंने जहीर की तारीफ में कहा है कि श्रीरामपुर से निकलकर शिखर तक पहुंचने वाले जहीर खान की सफलता उनके कैरेक्टर की ताकत को दर्शाता है.
काउंटी क्रिकेट वोरसेस्टरशर से निकलकर उन्होंने जो सफलता हासिल की वो उनके करियर को एक नए रूप में परिभाषित किया. जिसने उन्हें उनके करियर में कंफर्टेबल जोन में ला खड़ा किया. बता दें कि जहीर ने साल 2003 में केन्या के खिलाफ डेब्यू मैच खेला था. 2003 विश्व कप में वो टीम का अहम सदस्य थे. उन्होंने जवागल श्रीनाथ और आशीष नेहरा के साथ तेज गेंदबाजी की आक्रमण संभाली थी.
हालांकि इसके बाद की दिनों तक जहीर चोट की समस्या से जूझते रहे थे. 2004 में उन्होंने वापसी तो कर ली लेकिन अपनी तेजी और कंसिस्टेंसी से जूझते नजर आए. नतीजा ये हुआ कि जहीर को फिर टीम से बाहर कर दिया गया. नतीजा हुआ कि उनकी जगह आर पी सिंह, इरफान पठान और मुनाफ पटेल जैसे तेज गेंदबाज आ गए. जो उस वक्त शानदार फार्म में चल रहे थे.
जिसके बाद जहीर काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशर के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने चले गए. जहां उन्होंने डेब्यू मैच में ही 10 विकेट चटकाए. 100 साल में ऐसा कारनामा करने वाले जहीर पअहले गेंदबाज थे. काउंटी क्रिकेट से अपनी लय हासिल करने के बाद जहीर वापस 2006 में टीम में आए. और अपनी स्विंग गेंदबाजी का लोहा मनवाते रहे. 2011 में धौनी ने उनके अनुभव का पूरा फायदा उठाया. जहीर उस विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में पहले स्थान पर थे.
वो शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर थे. जहीर ने भारत के लिए 200 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 282 विकेट लिए हैं. इसके अलावा जहीर 92 टेस्ट में 311 और 17 टी-20 मैचों में 17 विकेट लिए हैं. जहीर ने अपने अंतर राष्ट्रीय करियर से साल 2016 में संन्यास ले लिया.