टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Paralympic 2020 ) में गोल्ड मेडल जीतने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (gold medalist neeraj chopra) इस समय काफी नाराज हैं. उन्होंने जैवलिन विवाद को लेकर नाराजगी जतायी है. टोक्यो ओलंपिक के दौरान पाकिस्तान के अरशद नदीम के उनके भाले के इस्तेमाल को लेकर की गयी उनकी टिप्पणी से हुए विवाद से वह दुखी हैं और इसे गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनाने की विनती की है.
भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक पदक दिलाने वाले सेना के 23 साल के भाला फेंक खिलाड़ी ने कहा कि किसी को उनके नाम का इस्तेमाल किसी विवाद को खड़ा करने में नहीं करना चाहिए.
नीरज ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अपना एक वीडियो शेयर किया, 1 मिनट और 12 सेकंड के उस वीडियो में नीरज इस विवाद को हवा दे रहे लोगों से कहा, मेरी आप सभी से विनती है कि मेरी टिप्पणियों को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनाए.
उन्होंने आगे कहा, खेल हम सबको एकजुट होकर साथ रहना सिखाता है और कुछ भी टिप्पणी करने से पहले खेल के नियम जानना जरूरी होता है. मेरी हालिया टिप्पणी पर लोगों की कुछ प्रतिक्रियायें देखकर बहुत निराश हूं.
neeraj chopra वीडियो के माध्यम से पूरी घटना के बारे में बताया कि पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम ने तैयारी के लिये उनसे भाला लिया था, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, यह नियमों के अंदर ही है और कृपया मेरे नाम का इस्तेमाल इस गंदे एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये नहीं करें.
गौरतलब है कि चोपड़ा ने हाल में कहा था कि वह सात अगस्त को ओलंपिक फाइनल से पूर्व अपने पहले थ्रो के लिये अपना निजी भाला ढूंढ रहे थे और उन्होंने देखा कि यह नदीम के पास था.
नियमों के अनुसार किसी प्रतिस्पर्धी द्वारा अधिकारियों को सौंपा गया भाला कोई भी अन्य प्रतिभागी इस्तेमाल कर सकता है. यह नियम ‘पोल वॉल्ट' को छोड़कर सभी फील्ड स्पर्धाओं में लागू होता है. चोपड़ा ने फाइनल में नोर्डिक ब्रांड का वालहाला भाले का इस्तेमाल किया था और उन्होंने स्पष्ट किया कि नदीम ने ऐसा करके कुछ भी गलत नहीं किया जो पांचवें स्थान पर रहे थे.
विवाद पर नीरज ने कहा, यह इतनी बड़ी बात नहीं है. मुझे बहुत दुख है कि मेरा सहारा लेकर इस बात को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है. आप सभी से विनती है कि ऐसा नहीं करें. खेल सभी को मिलकर चलना सिखाता है. हम सभी भाला फेंक थ्रोअर आपस में प्यार से रहते हैं, सभी आपस में अच्छे से बात करते हैं तो कोई भी ऐसी बात नहीं कहें जिससे उन्हें ठेस पहुंचे.