भारत की शीर्ष मुक्केबाज निकहत जरीन के बाद लवलीना बोरगोहेन ने भी गोल्ड जीत लिया है. भारत की झोली में चौथा गोल्ड मेडल आया है. निकहत का यह दूसरा वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब है. जबकि लवलीना ने कांस्य का सिलसिला तोड़ते हुए पहली बार पीला तमगा अपने नाम किया है. दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना ने ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पारकर को 5-2 से मात दी.
निकहत जरीन ने 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में वियतनाम की एनगुएन थि ताम पर 5-0 से जीत दर्ज कर लाइट फ्लाईवेट खिताब अपने नाम किया. इस जीत से निकहत महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (छह बार की विश्व चैंपियन) के बाद दो बार यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय बन गयीं. निकहत ने पिछले सा 52 किग्रा वजन वर्ग में खिताब जीता था. उन्होंने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनी, विशेषकर ओलंपिक वजन वर्ग में.
Also Read: IBA वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में निकहत ने लगाया गोल्ड पर पंच, फाइनल जीतकर बनीं वर्ल्ड चैंपियन
दोनों एशियाई मुक्केबाजों के बीच दिन का शुरुआती मुकाबला रोमांचक रहा. निकहत ने इस जीत के बाद कहा कि आज का मुकाबला मेरे लिये कठिन था. वह एशियाई चैंपियन है और मेरा अगला लक्ष्य एशियाई खेल हैं और मैं उससे भिड़ सकती हूं इसलिए मैं कड़ी मेहनत करूंगी. उन्होंने कहा, मुकाबले में उसे और मुझे चेतावनी और ‘काउंट’ मिली. लेकिन मैं विजेता बनी.’ निकहत अपने 52 किग्रा वजन वर्ग से कम वजन वर्ग में खेलीं, वह पहले थोड़ी सुस्त दिखी क्योंकि ताम ने पहले आक्रमण किया. लेकिन कुछ सेंकेंड बाद घरेलू प्रबल दावेदार ने हमले तेज कर दिये जिसके बाद उन्होंने दायीं ओर दो ‘हुक’ और फिर सीधे मुक्का जड़ा.
ताम को जकड़ने के लिए एक पेनल्टी अंक दिया गया जिससे पहला राउंड निकहत के पक्ष में हो गया. ताम ने दूसरे राउंड में मजबूत वापसी की और वह तेज मुक्के जड़ने लगी जिससे निकहत नीचे सिर करके खेलने को मजबूर हो गयी जिससे उन्हें एक पेनल्टी अंक मिला. वियतनाम की मुक्केबाज ने दूसरा राउंड 3-2 से अपने नाम किया. अंतिम तीन मिनट में दोनों मुक्केबाजों ने एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश में आक्रमण किया.
निकहत के ताकतवर दायें हाथ के मुक्के से ताम गिर गयी जिससे ताम को ‘काउंट’ का सामना करना पड़ा और फिर ताम के मुक्के से भारतीय मुक्केबाज को ‘काउंट’ मिला. निकहत ने कहा, मेरे लिये इस वजन वर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों के बाद यह बड़ा टूर्नामेंट है. राष्ट्रमंडल खेलों में इतनी प्रतिस्पर्धा नहीं होती.’ शनिवार को नीतू गंघास (48 किग्रा) और स्वीटी बूरा (81 किग्रा) विश्व चैंपियन बनी थीं.