हॉकी विश्व कप 2023 की मेजबानी गंवा सकता है भारत, अगले महीने हॉकी महासंघ का दल करेगा दौरा

साल 2023 में हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत को करनी है. लेकिन भारत की ओर से अब तक उन नये संविधान को लागू नहीं किया गया, जो आईएफएच ने बनाया है. इसके लिए इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन का एक तीन सदस्यीय दल अगले महीने भारत का दौरा करेगा. यह दल सुनिश्चित करेगा कि भारत उन सुधारों को जल्द लागू करे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2022 8:50 PM

नवनियुक्त कार्यवाहक अध्यक्ष सैफ अहमद की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) का तीन सदस्यीय दल नये संविधान को लागू करने की दिशा में प्रगति का जायजा लेने 15 अगस्त को भारत आयेगा. भारत को 2023 में होने वाले हॉकी विश्व कप की मेजबानी बरकरार रखने के लिए हर हालत में नया संविधान लागू करना है. एफआईएच सीईओ थियरी वील और कार्यकारी बोर्ड के सदस्य तैयब इकराम दल में शामिल होंगे.

नया संविधान लागू करने पर जोर

एफआईएच ने बुधवार को अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति से संशोधित संविधान लागू करने और हॉकी इंडिया के ताजा चुनाव कराने को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी थी. हॉकी इंडिया अगर खेल कोड के अनुरूप संविधान लागू नहीं करती है तो देश को 13 से 29 जनवरी 2023 तक होने वाले विश्व कप की मेजबानी गंवानी पड़ सकती है. एफआईएच सीईओ वील ने कहा कि उन्होंने भारत दौरे के लिए संभावित तारीख बतायी है और उन्हें सीओए से पुष्टि का इंतजार है.

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15 अगस्त के बाद भारत आयेगा दल

उन्होंने पीटीआई से कहा कि हम 15 अगस्त को दो या तीन दिन के लिये भारत आने की सोच रहे हैं. हम इस मसले को सुलझाने के लिये जो कुछ भी हो सकता है, करेंगे लेकिन हमें सीओए के जवाब का इंतजार है. उन्होंने कहा कि कार्यवाहक अध्यक्ष सैफ अहमद की अगुवाई में तीन सदस्यीय दल भारत आयेगा. हम हर किसी से मिलने और मसले का हल निकालने के लिये तैयार हैं.

हॉकी इंडिया पर लग सकता है बैन

एफआईएच इस मामले में सीओए को तीन बार लिख चुका है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. वील ने कहा कि एफआईएच को उम्मीद है कि विश्व कप भुवनेश्वर और राउरकेला में होगा लेकिन अगले महीने कोई हल नहीं निकलता है तो हॉकी इंडिया पर प्रतिबंध लग सकता है. उन्होंने कहा कि वादा पूरा नहीं करने के लिए हॉकी इंडिया को दंडित किया जा सकता है और इसमें अंतरराष्ट्रीय हॉकी से प्रतिबंध की संभावना शामिल है. उन्होंने विश्व कप की मेजबानी का करार किया है जो उन्हें पूरा करना है.

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मेजबानी रद्द करने पर फैसला बाद में

उन्होंने कहा, लेकिन हम उस दिशा में नहीं सोच रहे हैं. सजा का सबसे ज्यादा असर खिलाड़ियों पर पड़ता है. इसके साथ ही भारत के हॉकीप्रेमी विश्व स्तरीय हॉकी से वंचित रह जायेंगे जो हम नहीं चाहते. एफआईएच ने अभी तक ‘प्लान बी’ नहीं बनाया है और उसका मानना है कि इसकी नौबत नहीं आनी चाहिये. वील ने कहा कि हमने विकल्प के बारे में नहीं सोचा है क्योंकि हम चाहते हैं कि विश्व कप भारत में ही हो. हमारा दौरा विफल रहने पर प्लान बी के बारे में सोचेंगे. विश्व कप भारत में नहीं होना शर्मनाक होगा.

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