भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम (Indian men’s badminton team) ने रविवार को थॉमस कप (Thomas Cup) के फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर इतिहास रच डाला और पहली बार ट्रॉफी पर कब्जा किया. जीत के बाद भारतीय टीम पर पैसों की बरसात हो रही है. खेल मंत्रालय और भारतीय बैडमिंटन संघ ने एक-एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की है.
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने टीम को बधाई दी और नकद इनाम की घोषणा की
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को थॉमस कप जीतने पर बधाई दी और एक करोड़ रुपये की नकद पुरस्कार देने की घोषणा की. ठाकुर ने बयान में कहा, मलेशिया, डेनमार्क और इंडोनेशिया के खिलाफ प्ले ऑफ में लगातार मुकाबलों में जीत की भारत की असाधारण उपलब्धि नियमों में छूट की हकदार है. उन्होंने कहा, मैं गर्व के साथ उस टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा करता हूं जिसने भारतीयों को इस सप्ताहांत खुशी के पल दिए.
भारतीय बैडमिंटन संघ ने भी की एक करोड़ रुपये देने की घोषणा
भारतीय बैडमिंटन संघ ने भारतीय बैडमिंटन टीम को पहली बार थॉमस कप जीतने पर बधाई दी और खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ को पुरस्कार राशि देने की घोषणा की. भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, यह भारतीय बैडमिंटन के लिए बेहद खास क्षण है. हमने कई व्यक्तिगत मुकाबले जीते, लेकिन थॉमस कप जीतना बहुत खास है. उन्होंने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ को जीत के लिए बधाई दी और कहा, इन्हीं की मेहनत की वजह से दिग्गज टीमों को हराया और यह उपलब्धि हासिल की. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा, बैडमिंटन संघ की ओर से सभी खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये दिये जायेंगे, जबकि सहयोगी स्टाफ को 20-20 लाख रुपये दिये जायेंगे.
खेल मंत्रालय ने बैडमिंटन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग खर्च किये करोड़ रुपये
पिछले चार साल में मंत्रालय ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर 67 करोड़ 19 लाख रुपये खर्च किए हैं जिसमें विदेशी और भारतीय कोच का वेतन भी शामिल है. बताया गया है कि पिछले साल मंत्रालय ने 14 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के हिस्सा लेने का खर्चा उठाया जिस पर चार करोड़ 50 लाख रुपये खर्च हुए.
1979 के बाद भारत सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंचा था
भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने एकतरफा फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर पहली बार थॉमस कप का खिताब जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया. टीम के लिए विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने यादगार जीत दर्ज की. भारतीय टीम 1979 से कभी थॉमस कप के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पायी थी और यहां खिताबी जीत के दौरान उसने मलेशिया और डेनमार्क जैसी मजबूत टीम को हराया.