Indian Cricket में पिता पुत्र की जोड़ियां, अंतिम दो फ्यूचर में मचाएंगी धमाल

पिता पुत्र की जोड़ी जिन्होंने भारत के लिए क्रिकेट खेला. कुछ जोड़ियां खेल चुकी हैं और कुछ आने वाले समय में खेलने वाली हैं. इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी ही कुछ जोड़ियों से मिलवाने जा रहे हैं.

By Anant Narayan Shukla | November 10, 2024 4:25 PM
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दर्शक संख्या के अनुसार भारत में क्रिकेट सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला खेल है. 1983 में विश्वकप जीत के बाद भारतीय क्रिकेट ने लोकप्रियता की बड़ी छलांग लगाई है. भारत के लिए कई सितारों ने क्रिकेट खेला है, लेकिन कुछ पिता पुत्र की जोड़ियों ने भी इस खेल में भारत के लिए प्रतिनिधित्व किया है. आज हम आपको ऐसी ही जोड़ियों से मिलवाने जा रहे हैं इनमें से कुछ आने वाले समय में खेलने वाली हैं. 

लाला अमरनाथ- मोहिंदर अमरनाथ

भारत के लिए पहला शतक लगाने वाले लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के पितामह कहे जाते हैं. क्रिकेट पत्रिका विजडन ने उनकी तारीफ में कई सारे लेख लिखे. लाला अमरनाथ को क्रिकेट में राजाओं के वर्चस्व के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाना जाता है. मोहिंदर अमरनाथ भी भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए, वे 1983 में विश्वकप फाइनल मैच के मैन ऑफ द मैच रहे थे.

Lala amarnath and mohinder amarnath. Image credit: social media

विजय मांजरेकर- संजय मांजरेकर

विजय मांजरेकर ने भारत के लिए 1950 से आगे दशक तक भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया. उनकी विजय हजारे के साथ इंग्लैंड के खिलाफ 222 रन की साझेदारी ने उनका नाम इतिहास में दर्ज कर दिया. उन्होंने भारत के लिए 53 टेस्ट खेले. संजय मांजरेकर भी 1987 में भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए और 111 मैच खेले. लेकिन उनका कैरियर बहुत ज्यादा नहीं चला.  

Vijay manjrekar and sanjay manjrekar. Image credit: social media

नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी- मंसूर अली खान पटौदी

नवाब इफ्तिखार पटौदी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने इंगलैंड और भारत दोनों टीमों की तरफ से क्रिकेट खेला. उन्होंने एशेज सीरीज के दौरान अपना टेस्ट डेब्यू किया और लंबे समय तक टीम की तरफ से खेले. पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए मंसूर अली खान पटौदी ने भी लंबे समय तक क्रिकेट खेला. 

Iftikhar ali khan pataudi and mansoor ali khan pataudi. Image credit: social media

सुनील गावस्कर- रोहन गावस्कर

लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर उस दौर के खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने वेस्टइंडीज के उन तेज गेंदबाजों का सामना किया, जिनकी तेज गेंद और बाउंसर झेलना सबके बस के बात नहीं थी. 1971 में डेब्यू करने वाले सुनील गावस्कर ने भारत के लिए 233 मैच खेले हैं. फिलहाल वे क्रिकेट कमेंट्री करते हैं. रोहन गावस्कर ने भी भारत के लिए क्रिकेट में हाथ आजमाया लेकिन वे 11 वनडे मैच ही खेल पाए और टीम से बाहर हो गए. वे अब अपनी क्रिकेट अकादमी चलाते हैं. 

Sunil gavaskar and rohan gavaskar. Image credit: social media

रोजर बिन्नी- स्टुअर्ट बिन्नी

रोजर बिन्नी भारत की 1983 की विश्वकप विजेता टीम के हिस्सा थे. वे उस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. वर्तमान में वे बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं. उनके पुत्र स्टुअर्ट बिन्नी भी भारत के लिए खेल चुके हैं, लेकिन उनका कैरियर ज्यादा नहीं चला. 

Roger binny and stuart binny. Image credit: social media

योगराज सिंह- युवराज सिंह 

भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज हैं, जिन्होंने भारत के लिए 1 टेस्ट और 6 वनडे मैच खेले थे. फिलहाल वे चंड़ीगढ़ में अपनी क्रिकेट अकादमी चलाते है. युवराज सिंह भारत की 2007 और 2011 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रहे हैं. युवराज ने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में कुल 402 मैच खेले हैं. युवराज 2007 विश्वकप में लगातार 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाने के लिए खासे याद किए जाते हैं. 

Yograj singh and yuvraj singh. Image credit: social media

सचिन तेंदुलकर- अर्जुन तेंदुलकर 

भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट में अपने 24 साल का लंबा समय दिया. 1989 में डेब्यू करने वाले सचिन ने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में 664 मैच खेले और अब तक सबसे ज्यादा 34357 रन बनाए हैं. अब सचिन के पुत्र अर्जुन भी क्रिकेट में अपना नाम बनाने के लिए दस्तक दे चुके हैं. ऑलराउंडर अर्जुन आईपीएल में भी मुंबई टीम के सदस्य हैं. 

Sachin tendulkar and arjun tendulkar. Image credit: social media

राहुल द्रविड़- समित द्रविड़ 

वॉल ऑफ इंडियन क्रिकेट और मिस्टर भरोसेमंद के नाम से मशहूर विकेटकीपर बल्लेबाज राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के उस दौर के खिलाड़ी रहे जब टीम में सचिन, सौरव और लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी थे. राहुल ने भारतीय टीम की कप्तानी भी की और 2024 की विश्वकप विजेता टीम के हेड कोच भी थे. उनके पुत्र समित द्रविड़ भी कर्नाटक की राज्य टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं. हाल ही में वे विजय मर्चेंट ट्रॉफी में भी खेलते नजर आए थे. 

Rahul dravid and samit dravid. Image credit: social media

वीरेंद्र सहवाग- आर्यवीर सहवाग

मुल्तान का सुल्तान वीरेंद्र सहवाग के नाम दो तिहरे शतक लगाए हैं. पाकिस्तान के खिलाफ उनकी धुआंधार पारियों ने 90 के दशक के बच्चों को क्रिकेट के सुरहरे दिन दिखाए हैं. अब उनके पुत्र आर्यवीर भी जल्द ही मैदान पर नजर आ सकते हैं.   

Virendra sehwag and aryaveer sehwag. Image credit: social media

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