बचपन में ही पिता की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. आज उसकी बेटी एथलीट में राष्ट्रीय पटल पर नाम रोशन कर रही है. हम बात कर रहे हैं, गुमला जिला के घाघरा प्रखंड स्थित बुरहू गांव की सुप्रीति कच्छप की. सुप्रीति कच्छप ने खेलो इंडिया यूथ गेम में गोल्ड मेडल जीतने के साथ-साथ एथलीट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया है. आज चारों ओर सुप्रीति की चर्चा है. यहां बता दें कि कई साल पहले बुरहू गांव में नक्सलियों ने पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी. इसमें सुप्रीति के पिता रामसेवक उरांव भी थे. रामसेवक की हत्या के बाद सुप्रीति की मां बालमति देवी को घाघरा में चतुर्थ वर्ग में नौकरी मिली. आज भी बालमति घाघरा में कर्मचारी के रूप में कार्यरत है.
हरियाणा के पंचकुला में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम में घाघरा प्रखंड के बुरहू ग्राम निवासी सुप्रीति कच्छप ने 3000 मीटर दौड़ 9 मिनट 46 सेकेंड में पूरा करते हुए अंडर-18 वर्ग में एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है. इससे पहले यह रिकॉर्ड सीमा कुमारी के नाम था, जिसने 2017 में 9 मिनट 50 सेकेंड में दौड़ पूरी की थी. सुप्रीति ने इसी रिकॉर्ड को तोड़ा है. सुप्रीति ने 3000 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल हासिल किया. सुप्रीति की इस सफलता पर सभी उसे और उसकी मां बालमती देवी को बधाई दे रहे हैं. सुप्रीति से अपनी सफलता का श्रेय मां व परिवार को दिया है. उन्होंने कहा कि मां ने किसी भी संसाधन की कमी होने नहीं दी. जिसकी बदौलत मैं आज इस मुकाम को हासिल कर पायी हूं.
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सुप्रीति ने बताया कि वह अपने भाई के सपने को पूरा करने के लिए एथलीट बनी है. भाई फुलदीप उरांव एक अच्छे एथलीट थे. उन्होंने राज्य स्तर के एथलीट में कई मेडल भी जीता है. परंतु परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण भाई ने बीच में ही एथलीट छोड़ दिया. जिसके बाद सुप्रीति ने मन ही मन यह ठाना कि मेरे भाई के सपनों को अब मैं पूरा करूंगी. सुप्रीति ने बताया कि उसका लक्ष्य 2026 में होने वाले ओलंपिक में चयनित होकर इंडिया के लिए मेडल जीत कर देश का नाम रोशन करना है. इसके लिए वह अभी से ही तैयारी में लग गयी है.
सुप्रीति ने बताया कि अंडर-20 वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के लिए भी वह चयनित हुई है. यह प्रतियोगिता दो अगस्त से सात अगस्त तक कोलंबिया में खेला जायेगा. जिसके लिए सुप्रीति का चयन हो चुका है. इस वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए सुप्रीति अभी से ही मेहनत कर रही है. सुप्रीति ने 14 वर्ष की उम्र से ही दौड़ का अभ्यास शुरू कर दिया था. इस दौरान सुप्रीति चैनपुर स्थित एक आवासीय विद्यालय में रहकर पढ़ाई करती थी. जहां से उसने दौड़ की शुरुआत की. जिसके बाद संत पात्रिक हाई स्कूल गुमला में नामांकन के उपरांत अपने दौड़ के अभ्यास को और तेज किया. जिसके बदौलत आज झारखंड को गोल्ड मेडल दिलाया.
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विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि सुप्रीति ने यह साबित कर दिया है. ईमानदारी व अनुशासन से जो काम हम करेंगे. उसमें सफलता जरूर मिलेगी. सरकार की तरफ से खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं, डीसी ने कहा कि गुमला जिला के लिए यह गौरव का पल है. सुप्रीति ने एथलीट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है. उनके उज्जवल भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं. सीओ प्रणव ऋतुराज ने कहा सुप्रीति ने जो कर दिखाया, वह वाकई में काबिले तारीफ है. गुमला के घाघरा जैसे इलाकों में रहकर सुप्रीति ने राज्य के लिए गोल्ड मेडल जीता. पूरे राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है.
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