ऑस्ट्रेलियाई लड़की को दिल दे बैठे थे मिल्खा सिंह, पंजाब के सीएम के कारण हुई थी निर्मल कौर से शादी, जानें फ्लाइंग सिख के लाइफ से जुड़े कुछ अनकहे किस्से

Milkha Singh Passed Away, Flying Sikh love story : 1956 में ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न ओलिंपिक के दौरान मिल्खा सिंह को एक ऑस्ट्रेलियन लड़की से प्यार हो गया था. उस लड़की का नाम था बेट्टी कथबर्ट.

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2021 12:31 PM

स्वतंत्र भारत के पहले व्यक्तिगत खेलों के स्टार मिल्खा सिंह ने अपनी गति और खेल के लिए जुनून की भावना के साथ एक दशक से अधिक समय तक ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में राज किया. कई रिकॉर्ड बनाये और अपने करियर में कई पदक जीते. मेलबर्न में 1956 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, रोम में 1960 के ओलिंपिक और तोक्यो में 1964 के ओलिंपिक में मिल्खा सिंह अपने शानदार प्रदर्शन के साथ दशकों तक भारत के सबसे महान ओलिंपियन बने रहे.

ऑस्ट्रेलियाई लड़की को दिल दे बैठे थे

1956 में ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न ओलिंपिक के दौरान मिल्खा सिंह को एक ऑस्ट्रेलियन लड़की से प्यार हो गया था. उस लड़की का नाम था बेट्टी कथबर्ट. हालांकि मिल्खा ने शादी निर्मल कौर से की. कौर भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की खिलाड़ी थीं. 1962 में दोनों की शादी हुई थी. उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है. बेटा जीव मिल्खा सिंह एक मशहूर गोल्फ खिलाड़ी हैं. निर्मल कौर का परिवार मिल्खा सिंह से उनकी शादी कराने को राजी नहीं थो पर पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने दोनों परिवारों से बात कर शादी तय करवा दी. साल 1962 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए.

एक रुपये में फिल्म पर राजी हो गये थे मिल्खा

मिल्खा सिंह ने अपनी जीवनी पर फिल्म बनाने की अनुमति देने के बदले निर्माता राकेश ओम प्रकाश मेहरा से मात्र एक रुपया लिया था. इस एक रुपये की खास बात यह है कि एक रुपये का यह नोट सन 1958 का था, जब मिल्खा ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार स्वतंत्र भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था.

पाकिस्तान में मिली ‘फ्लाइंग सिख’ की उपाधि

साल 1960 में मिल्खा सिंह ने पाकिस्तान में इंटरनेशनल एथलीट कंपीटीशन में भाग लेने से मना कर दिया था. असल में वो दोनों देशों के बीच के बंटवारे की घटना को नहीं भुला पाये थे. इसलिए पाकिस्तान के न्योते को ठुकरा दिया था. हालांकि बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू के समझाने पर शामिल हुआ. पाकिस्तान में इंटरनेशनल एथलेटिक्स में मिल्खा ने अब्दुल खालिक को हराकर इतिहास रच दिया. इस जीत के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने उन्हें ‘फ्लाइंग सिख’ की उपाधि से नवाजा.

स्कूल जाने के लिए दौड़ कर तय करते थे 10 किमी का लंबा सफर 

मिल्खा सिंह का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब में एक सिख राठौर परिवार में 20 नवंबर 1929 को हुआ था. अपने मां-बाप की कुल 15 संतानों में वह एक थे. उनके कई भाई-बहन बाल्यकाल में ही गुजर गये थे. भारत के विभाजन के बाद हुए दंगों में मिल्खा सिंह ने अपने मां-बाप और भाई-बहन को खो दिया. ऐसे भयानक हादसे के बाद उनके हृदय पर गहरा आघात लगा था. बचपन में वह घर से स्कूल और स्कूल से घर की 10 किलोमीटर की दूरी दौड़ कर पूरी करते थे और भर्ती के वक्त क्रॉस-कंट्री रेस में छठे स्थान पर आये थे, इसलिए सेना ने उन्हें खेलकूद में स्पेशल ट्रेनिंग के लिए चुना था.

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