Lookback 2024: साल 2024 खेलों में भारत के लिए खुशियों भरा रहा. 17 साल बाद टी20 विश्वकप जीता तो शतरंज में भारत ने झंडा ही गाड़ दिया. वहीं ओलंपिक्स में भारत के लिए कुछ खुशियों भरा रहा तो कहीं दिल टूट गए. 26 जुलाई से 11 अगस्त 2024 तक पेरिस में ओलंपिक का आयोजन हुआ. ओलंपिक्स के 33वें संस्करण में भारत ने 117 सदस्यीय खिलाड़ी दल को भेजा. यह भारतीय ओलंपिक इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा दल रहा. खिलाड़ियों ने अलग-अलग प्रतिस्पर्द्धा में इस साल कुल 6 पदक हासिल कर तिरंगा का मान बढ़ाया. भारत ने पदक भले ही कम जीते लेकिन अपने जज्बे से यह साबित कर दिया कि भारत का खेल भविष्य उज्ज्वल है. साल का अंत नजदीक है ऐसे में जानिए भारत के लिए कैसा रहा इस बार का ओलंपिक.
मनु भाकर का डबल धमाल
निशानेबाज मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत के लिए पहला पदक दिलाया. उन्होंने शूटिंग में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता. इसके बाद सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल युगल टीम में कांस्य पदक जीता. 22 वर्षीय एकाग्र चित्त मनु ने एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया.
स्वपनिल कुसाले ने भी ब्रांज पर साधा निशाना
भारत पिछले 10 साल से निशानेबाजी में पदकों का सूखा झेल रहा था. खेलों के महाकुंभ में इंडिया ने इस बार कुल 21 निशानेबाज उतार दिए थे. मध्य रेलवे के टीटीई स्वपनिल कुसाले ने इसे जाया नहीं जाने दिया और 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में भारत को शूटिंग में तीसरा कांसा दिलाया.
भारतीय हॉकी टीम ने लगातार दूसरी बार जीता कांसा
भारतीय हॉकी टीम ने 2020 में 41 साल के पदकों का सूखा समाप्त किया था. इस साल भी उसने अपना प्रदर्शन बरकरार रखते हुए स्पेन को हराकर कांस्य पदक जीता. आठ स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक के साथ ओलंपिक इतिहास की सबसे सफल हॉकी टीम अब तक कुल 13 पदक जीत चुकी है. कप्तान हरमनप्रीत ने इस ओलंपिक में सबसे ज्यादा 10 गोल किए.
नीरज चोपड़ा गोल्ड से चूके, सिल्वर से संतोष
टोक्यो ओलंपिक में पीला तमगा हासिल करने वाले नीरज चोपड़ा दूसरी बार गोल्ड जीतने से चूक गए. फाइनल मुकाबले में नीरज पाकिस्तान के अरशद नदीम से पिछड़ गए. नीरज चोपड़ा का लक्ष्य 90 मीटर को पार करना था, लेकिन वे 89.45 मीटर ही भाला फेंक पाए, जबकि नदीम ने 92 मीटर से ज्यादा दूरी तक अपना भाला फेंका. नीरज भले ही इस बार सेकेंड पोजीशन पर रहे, लेकिन लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतकर निर्विवाद रूप से वे बेस्ट एथलीट रहे.
अमन सहरावत ने पहलवानी में दिखाया दम
अमन सहरावत ने पेरिस 2024 ओलंपिक कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता. अमन ने 21 साल और 24 दिन की उम्र में यह पदक जीता. वे ओलंपिक में भारत के सबसे कम उम्र के पदकवीर बने. उन्होंने शटलर पीवी सिंधु का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सिंधु 2016 के रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के समय 21 साल, 1 महीना और 14 दिन की थीं.
विनेश के साथ टूटा भारत का दिल
ओलंपिक में भारत को एक और पदक मिलने की आस थी. महिला कुश्ती के 50 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में देश की बेटी विनेश फोगाट ने भी अपनी एंट्री करवा ली थी. लेकिन फाइनल से एक रात पहले बढ़े हुए वजन के कारण विनेश को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. विनेश के साथ पूरा भारत निराश हो गया. खेल पंचाट में भी मामले को उठाया गया लेकिन सख्त नियमों के कारण कोई राहत नहीं मिली और भारत एक और पदक जीतने से चूक गया.
इन खेलों में मिली निराशा
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने 16 खेल प्रतिस्पर्द्धाओं में हिस्सा लिया था. लेकिन उसे केवल चार खेलों में सफलता मिली. अन्य खेलों- बैडमिंटन, तीरंदाजी, एथलेटिक्स (जेवलिन को छोड़कर), मुक्केबाजी, घुड़सवारी, गोल्फ,मुक्केबाजी, जूडो, रोइंग, सेलिंग, स्विमिंग, टेबल टेनिस और टेनिस में भारत असफल रहा. भारत ने इस साल 69 पदकों के लिए भारत ने जोर लगाया, लेकिन वह केवल 6 पदक जीत पाया. लेकिन पैरालंपिक्स में भारतीय एथलीटों ने कमाल का प्रदर्शन किया.