हरियाणा के चरखी दादरी में दर्दनाक हादसा, मनु भाकर की नानी और मामा की हुई मौत

Manu Bhaker: पेरिस ओलंपिक्स 2024 की डबल मेडलिस्ट मनु भाकर के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. हाल ही में खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित मनु की नानी और मामा का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. हादसा रविवार सुबह हरियाणा के चरखी दादरी के महेंद्रगढ़ बाईपास रोड पर हुआ.

By Anant Narayan Shukla | January 19, 2025 12:56 PM
an image

Manu Bhaker: पेरिस ओलंपिक्स 2024 की डबल मेडलिस्ट मनु भाकर के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. हाल ही में खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित मनु की नानी और मामा का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. हादसा रविवार सुबह हरियाणा के चरखी दादरी के महेंद्रगढ़ बाईपास रोड पर हुआ. मनु के मामा युद्धवीर और नानी सावित्री स्कूटी से सफर कर रहे थे, तभी गलत साइड से आ रही तेज रफ्तार ब्रेजा गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी. टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. ड्राइवर घटनास्थल से फरार हो गया. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है.

मनु के मामा युद्धवीर सिंह हरियाणा रोडवेज में चालक थे, आज सुबह वे ड्यूटी के लिए स्कूटी से निकले थे. उनके साथ मनु की नानी सावित्री देवी को लोहारू चौक स्थित छोटे बेटे के घर जाना था, इसलिए वह भी स्कूटी पर उनके साथ चलने के लिए तैयार हो गईं. जैसे ही वे कलियाणा मोड़ पर पहुंचे, गलत साइड से आ रही तेज रफ्तार ब्रेजा कार ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी. हादसे ने मनु भाकर और उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है.

यह हादसा हरियाणा के चरखी दादरी के महेंद्रगढ़ बाइपास रोड पर हुआ, जहां तेज रफ्तार ब्रेजा कार ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी. टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि गाड़ी का चालक फरार हो गया. पुलिस आरोपी की तलाश में लगी हुई है. मनु के मामा युद्धवीर की उम्र 50 साल और नानी सावित्री देवी की उम्र 70 साल बताई जा रही है.

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतकर इतिहास रच दिया, ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय एथलीट बन गईं. लेकिन खेल के प्रति जुनून उन्हें अपनी नानी सावित्री देवी से विरासत में मिला था. सावित्री ने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते थे और उनका सपना ओलंपिक में खेलने का था, लेकिन परिवार से समर्थन नहीं मिलने के कारण यह सपना अधूरा रह गया. मनु अपनी नानी और मामा से बेहद लगाव रखती थीं. पदक जीतने के बाद वह सबसे पहले उनके घर गईं थीं. मनु को अपनी नानी के हाथों की बाजरे और मक्के की रोटी बेहद पसंद थी, जिसका जिक्र उनकी नानी ने गर्व के साथ किया था.

भारत के चार खेल नायकों को सर्वोच्च सम्मान, राष्ट्रपति भवन में अर्जुन पुरस्कार में छाए पैरालंपिक खिलाड़ी

Exit mobile version