Neeraj Chopra ने टोक्यो में स्वर्ण पदक जीतने वाला भाला, ओलंपिक संग्रहालय को उपहार में दिया
भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाला अपना भाला शनिवार को यहां ओलंपिक संग्रहालय को उपहार में दे दिया. चोपड़ा पिछले साल टोक्यो में खेलों में ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बने थे.
भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाला अपना भाला शनिवार को यहां ओलंपिक संग्रहालय को उपहार में दे दिया. चोपड़ा पिछले साल टोक्यो में खेलों में ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बने थे. उन्होंने शनिवार को संग्रहालय को अपना सबसे बेशकीमती भाला उपहार में दे दिया. उन्होंने भाला फेक स्पर्धा में 87.58 मीटर की दूरी के साथ यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी. चोपड़ा ने ‘ओलंपिक डॉट कॉम’ से कहा, ‘किसी भी एथलीट के लिए, दूसरों को प्रेरित करने में सक्षम होना एक बड़ा सम्मान है.’
मेरे भाले का प्रभाव भविष्य के खिलाड़ियों पर होगा: निरज
इस संग्रहालय में 120 वर्षों का समृद्ध संग्रह है, जिसमें अभिनव बिंद्रा की 2008 बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली राइफल भी शामिल है. बिंद्रा 2008 में व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने थे. ओलंपिक विरासत को संरक्षित करने के मकसद से शुरू किये गये इस संग्रहालय का प्रबंधन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की विरासत टीम करती है. निरज चोपड़ा ने कहा, ‘मैं संग्रहालय में अभिनव बिंद्रा की राइफल देख सकता हूं जो मुझे बहुत प्रेरणा देती है. मुझे उम्मीद है कि मेरे भाले का प्रभाव भविष्य के खिलाड़ियों पर होगा, खासकर भारत से खिलाड़ियों पर.’
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भारतीयों में मेरा राइफल अब तक अकेला था: बिंद्रा
इस अवसर पर आईओसी एथलीट आयोग के सदस्य बिंद्रा भी मौजूद थे, जो अब भारतीय खेल प्रशंसकों के लिए एक प्रतिष्ठित क्षण बन गया है. इस मौके पर 39 वर्षीय बिंद्रा ने कहा, ‘भारतीयों में मेरा राइफल अब तक अकेला था. मुझे खुशी है कि उनका भाला अब ओलंपिक संग्रहालय में मेरी राइफल के साथ जुड़ जाएगा.’ ओलंपिक संग्रहालय में 90,000 से अधिक कलाकृतियाँ, 650,000 तस्वीरें, 45,000 घंटे के वीडियो और 1.5 किलोमीटर लंबे ऐतिहासिक अभिलेख प्रबंधित किए जाते हैं.