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Neeraj Chopra के गुरु ने भाला फेंका में बनाया विश्व रिकॉर्ड, जानें क्यों बनी रह गई पहेली

Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक 2024 को बीते कुछ ही समय हुए है. लगभग खिलाड़ी अपने-अपने घर पहुंच गए हैं. इस बार ओलंपिक में किसी खेल ने सबसे अधिक सुर्खियां बटोरी तो वो है जैवलिन थ्रो. मगर क्या आप जानते हैं कि ये थ्रो जैवलिन थ्रो का सबसे लंबा थ्रो नहीं है. तो चलिए जानते हैं कितने मीटर का थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड है.

By Vaibhaw Vikram | August 19, 2024 12:04 PM
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Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक 2024 को बीते कुछ ही समय हुए है. लगभग खिलाड़ी अपने-अपने घर पहुंच गए हैं. इस बार ओलंपिक में किसी खेल ने सबसे अधिक सुर्खियां बटोरी तो वो है जैवलिन थ्रो. जैसा की हम सभी जान रहे हैं कि इस बार भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा स्वर्ण पदक को अपने नाम करने में कामयाब नहीं हो सकते थे. इस बार पाकिस्तान के भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम ने 92.97 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण पदक को अपने नाम किया है. मगर क्या आप जानते हैं कि ये थ्रो जैवलिन थ्रो का सबसे लंबा थ्रो नहीं है. तो चलिए जानते हैं कितने मीटर का थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड है.

Neeraj Chopra: उवे हॉन ने किया है सबसे लंबा थ्रो

जर्मन ट्रैक एंड फील्ड स्टार उवे हॉन ने एक बार जेवलिन थ्रो में एक अविश्वसनीय 104.80 मीटर का थ्रो किया था. यह एक ऐसा रिकॉर्ड था जिसने पूरी दुनिया को दंग कर दिया था. यह एक ऐसा थ्रो था जो मानो गुरुत्वाकर्षण के नियमों को चुनौती दे रहा हो. लेकिन दुर्भाग्य से, बाद में इस रिकॉर्ड को अमान्य कर दिया गया. उवे हॉन ने यह उपलब्धि साल 1984 में बर्लिन में एक एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ओलंपिक दिवस पर हासिल की थी. होन 100 मीटर से अधिक भाला फेंकने वाले एकमात्र एथलीट हैं. उनके थ्रो को ‘अनंत विश्व रिकॉर्ड’ माना जाता है. क्योंकि साल 1986 में भाले का एक नया डिजाइन पेश किया गया था जिसके कारण रिकॉर्ड बुक को रीसेट करने की जरूरत थी. फिर इस रिकॉर्ड को अनंत, अविनाशी, शाश्वत घोषित कर दिया गया.

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Neeraj Chopra: रहस्य बना हुआ है होन का थ्रो

आपकी जानकारी के लिए बता दें, उवे हॉन का 104.80 मीटर का थ्रो एक रहस्य बना हुआ है. सभी जानना चाहते हैं कि  उवे हॉन के उस खबर को अमान्य क्यों कर दिया गया था. अगर हॉन के थ्रो को मान्य करार दिया जाता तो आज भी वो  सबसे लंबा जैवलिन थ्रो होता. होन ने अपने करियर में भले ही एक भी ओलंपिक पदक जर्मनी के लिए न जीता हो, लेकिन इस खेल में उन्हें महारथ हासिल थी. होन ने अपने करियर में पूर्वी जर्मनी के लिए खेलते हुए 1982 यूरोपियन चैंपियनशिप और उसके बाद 1985 एथलेटिक्स विश्व कप की जैवलिन थ्रो इवेंट का गोल्ड मेडल अपने नाम किया था.

Neeraj Chopra के गुरु हैं होन

बता दें, उवे होन ने भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को कोचिंग दी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, साल 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने के बाद नीरज चोपड़ा ने होन से कोचिंग लेनी शुरू की. होन ने अपनी कोचिंग के दौरन नीरज चोपड़ा को जेवलिन थ्रो की बारीकियां सीखनी शुरू कर दीं. होन ने ना सिर्फ नीरज के खेल को सुधारा, बल्कि उनकी तकनीक के साथ-साथ फिटनेस पर भी काफी काम किया. इसका एक नमूना तब देखने को मिला जब टोक्यो ओलंपिक से ठीक पहले मार्च में पटियाला में आयोजित इंडियन ग्रांप्री में नीरज ने अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से 88.07 मीटर दूरी तक भाला फेंका था.

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Neeraj Chopra ने गुरु का नाम किया रोशन

इस प्रदर्शन के बाद से ही नीरज के ओलंपिक में पदक लाने की चर्चा ने अधिक जोर पकड़ लिया था. जिसको नीरज ने सच साबित करते हुए ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया. हालांकि इस दौरान वह भाले से अपनी ही सर्वश्रेष्ठ 88.07 मीटर दूरी को नहीं पार सके. नीरज को गुर सिखाने वाले होन ने ओलंपिक से ठीक पहले जून 2021 में ही भारतीय एथलेटिक्स संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण से अनबन के बाद साथ छोड़ दिया था. नीरज चोपड़ा, अरशद नदीम और उवे हॉन, ये तीनों ही जैवलिन थ्रो के इतिहास में अविस्मरणीय नाम हैं. नीरज चोपड़ा का टोक्यो में स्वर्णिम थ्रो, अरशद नदीम का पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक और उवे हॉन का विश्व रिकॉर्ड, इस खेल के रोमांच और चुनौतियों को दर्शाते हैं. यह एक खेल है जहां हर थ्रो एक नई कहानी लिखता है.

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