नीरज चोपड़ा ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं में भारत के पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बने. उन्होंने टोक्यो 2020 में पुरुषों की भाला स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास लिख दिया है. स्वर्ण पदक विजेता ने एक अरब से अधिक भारतीयों की यादों में अपना नाम दर्ज करने के लिए सात अगस्त, 2021 को 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंका. इसके बाद नीरज चोपड़ा के सम्मान में देशभर में कई आयोजन हुए.
भारतीय डाकघर ने पानीपत में नीरज चोपड़ा के गृह नगर खंडरा में एक गोल्डन लेटर बॉक्स लगाकर एथलीट को सम्मानित किया है. लेटर बॉक्स को सोने के रेग से रंगा गया है और इसमें एक संदेश लिखा है कि टोक्यो ओलंपिक 2020 भाला फेंक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के सम्मान में. इसकी लेटर बॉक्स की तस्वीर को सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है.
Also Read: गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा को सता रही इसकी याद, वीडियो शेयर कर कह दी दिल की बात
नीरज चोपड़ा 90 दिनों के लिए कैलिफोर्निया के चुला विस्टा एलीट एथलीट ट्रेनिंग सेंटर में कोच क्लॉस बार्टोनिज और फिजियोथेरेपिस्ट ईशान मारवाह के साथ प्रशिक्षण पर लौट आए हैं. उनकी निगाहें अगले साल विश्व चैम्पियनशिप, डायमंड लीग, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों पर हैं. नीरज चोपड़ा ने कहा कि पिछले तीन सप्ताह प्रशिक्षण के लिए बहुत अच्छे रहे हैं. हां, शुरू में फिटनेस थोड़ी कम थी, लेकिन धीरे-धीरे फिटनेस फिर से वापस आ रही है.
नीरज ने कहा कि उनकी योजना पहले फिट बनने की है और फिर 90 मीटर के निशान को पार करने की अपनी तकनीक की कमियों पर काम करना है. प्रशिक्षण अच्छा चल रहा है. मैं फिटनेस, सहनशक्ति प्रशिक्षण कर रहा हूं. कोरोना से तनाव हो सकता है, लेकिन मैं तैयार हूं. कोच कहते हैं कि अगर मैं तकनीक पर ज्यादा ध्यान दूं तो मैं लगातार 90 मीटर का आंकड़ा पार कर सकता हूं.
यह पूछे जाने पर कि भारत में भाला फेंक के खेल के लिए उनके स्वर्ण पदक का क्या मतलब होगा, नीरज ने कहा कि बच्चे उनसे प्रेरित हैं. एक एथलीट के रूप में, वर्ष 2021 मेरे लिए वास्तव में बहुत अच्छा रहा है. मैंने अपने ओलंपिक में स्वर्ण पदक के साथ एक शानदार शुरुआत की और भारतीय खेलों के लिए इस साल ओलंपिक और पैरालिंपिक दोनों शानदार रहे.