दुती का फिर खुलेगा ”लिंग मामला”, आईएएएफ फिर खेल पंचाट की शरण में जाएगा

नयी दिल्ली : भुवनेश्वर में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय र्फाटा धाविका दुती चंद के हिस्सा लेने से सिर्फ एक दिन पहले आईएएएफ ने उनके खिलाफ ‘लिंग मामले ‘ मामले को लेकर फिर खेल पंचाट (कैस) जाने का फैसला किया है और इस बारअपनी विवादास्पद हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति के समर्थन में और साक्ष्य मुहैया कराएगा. खेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2017 1:56 PM

नयी दिल्ली : भुवनेश्वर में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय र्फाटा धाविका दुती चंद के हिस्सा लेने से सिर्फ एक दिन पहले आईएएएफ ने उनके खिलाफ ‘लिंग मामले ‘ मामले को लेकर फिर खेल पंचाट (कैस) जाने का फैसला किया है और इस बारअपनी विवादास्पद हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति के समर्थन में और साक्ष्य मुहैया कराएगा.

खेल पंचाट ने 27 जुलाई 2015 को दुती और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ तथा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स संघ (आईएएएफ) के बीच मामले की सुनवाई के दौरान अंतरिम फैसला करते हुए वैश्विक सस्था के हाइपरएंड्रोजेनिज्म नियमों को दो साल के लिए निलंबित कर दिया था.

ऐसा इसलिए किया गया था कि आईएएएफ को अतिरिक्त साक्ष्य मुहैया कराने का मौका मिलेगा कि हाइपरएंड्रोजेनिक महिला खिलाडी को सामान्य टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हारमोन का स्तर) स्तर की खिलाड़ी पर प्रदर्शन के आधार पर कितना फायदा मिलता है. कैस ने दो साल पहले अंतरिम आदेश में दुती की अपील को आंशिक रुप से स्वीकार किया था और उन्हें अंतिम फैसले तक प्रतिस्पर्धा की छूट दी गई थी.
आईएएएफ ने एक बार फिर मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है और वैश्विक संस्था की हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति के खिलाफ दुती की अपील फिर सुर्खियों में आ गई है. भारत और विदेश में कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे ‘लिंगभेद ‘ का मामला करार दिया है. आईएएएफ ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि उसके हाइपरएंड्रोजेनिज्म नियम कैस में मामला खत्म नहीं होने तक निलंबित रहेंगे और विश्व खेलों की शीर्ष अदालत में लौटने के उसके फैसले का अगस्त में लंदन में होने वाली विश्व चैंपियनशिप पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
आईएएएफ ने आज प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि फिलहाल निलंबित हाइपरएंड्रोजेनिज्म नियमों को लेकर उसकी आथर्कि सहायता से तैयार अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित हो चुकी है और वह 27 जुलाई को खत्म हो रही दो साल की समय सीमा से पहले कैस लौट रहा है.
इस अध्ययन में पता चला है कि उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर वाली महिला खिलाड़ी को कम टेस्टोस्टेरोन स्तर वाली खिलाड़ी पर 1.8 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत तक फायदा होता है. एएफआई ने आईएएएफ की हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति के तहत 2014 में 21 साल की दुती को डिस्क्वालीफाई कर दिया था क्योंकि उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर स्वीकार्य स्तर से अधिक था. दुती ने इन नियमों और उन्हें निलंबित करने के एएफआई के फैसले को सितंबर 2014 में कैस चुनौती दी थी. कैस में अपील और सुनवाई के लिए खेल मंत्रालय ने दुती को वित्तीय मदद दी थी.

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