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नयी दिल्ली : भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) ने यह कहते हुए नेत्रहीन परालंपिक तैराक के साथ बर्लिन में हुई घटना से पल्ला झाड़ दिया कि मंजूर की हुई राशि अदालत द्वारा नियुक्त समिति के चेयरमैन की अनुपलब्धता के कारण वितरित नहीं की जा सकी थी. रिपोर्टों के अनुसार कंचनमाला पांडे ने पांच अन्य खिलाडियों के […]

नयी दिल्ली : भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) ने यह कहते हुए नेत्रहीन परालंपिक तैराक के साथ बर्लिन में हुई घटना से पल्ला झाड़ दिया कि मंजूर की हुई राशि अदालत द्वारा नियुक्त समिति के चेयरमैन की अनुपलब्धता के कारण वितरित नहीं की जा सकी थी.

रिपोर्टों के अनुसार कंचनमाला पांडे ने पांच अन्य खिलाडियों के साथ बर्लिनपैरा तैराकी चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था, उन्हें बर्लिनमें अपना इंतजाम खुद करने के लिये छोड़ दिया गया. इससे उन्हें अपनी एक दोस्त से पैसा लेने के लिये बाध्य होना पड़ा और उन पर बिना टिकट यात्रा करने के लिये जुर्माना भी लगाया गया क्योंकि पीसीआई द्वारा उन्हें जरुरत के हिसाब से धन राशि नहीं दी गयी थी.

इस घटना पर चारों ओर प्रतिक्रियायें आ रही हैं, जिसमें अभिनव बिंद्रा, महेश भूपति जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल हैं. वहीं खेल मंत्री विजय गोयल ने इस मामले पर गौर करने का वादा किया. पीसीआई के उपाध्यक्ष गुरुशरण सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय पैरालंपिक संस्था को इस घटना के लिये दोषी नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार से प्राप्त राशि को इसलिये नहीं लिया जा सका क्योंकि पीसीआई को इसके लिये न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) कैलाश गंभीर की मंजूरी की जरुरत थी जिन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने समिति का चेयरमैन नियुक्त किया है.
उच्च न्यायालय ने समिति नियुक्त की है और उसके आदेश के अनुसार पीसीआई को तब तक धन राशि निकालने के लिये समिति की मंजूरी की जरुरत होगी जब तक लंबित मामले पर फैसला नहीं हो जाता.
गुरुशरण ने कहा, ‘ ‘हमें दुख है कि इस तरह की घटना हुई, ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए. हमें इस घटना का खेद है. हम टीम मैनेजर से रिपोर्ट मांगेंगे कि यह घटना क्यों हुई. ‘ ‘ उन्होंने कहा, ‘ ‘साई से मिलने वाली मंजूरी की गयी राशि एथलीटों की रवानगी से पांच दिन पहले आती है लेकिन हम धनराशि नहीं ले सके क्योंकि इसे दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के चेयरमैन की स्वीकृति की जरुरत थी. वह (न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त कैलाश गंभीर) राशि को मंजूरी देने के लिये उपलब्ध नहीं थे. ‘ ‘
गुरुशरण लंदन में हैं, जहां टीम विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भाग ले रही है. उन्होंने कहा, ‘ ‘इसलिये हमने एथलीटों से बलर्नि में चैम्पियनशिप में भाग नहीं लें या फिर खुद अपने खर्चे पर जायें और बाद में यह राशि ले लें. टीम खुद ही अपने खर्चे पर गयी थी और अब मैं यह घटना सुन रहा हूं. हमने टीम मैनेजर कमलजीत सिंह से रिपोर्ट मांगी है कि बलर्नि में क्या हुआ था. ‘ ‘
उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार का कोच कमलजीत हाल में कुछ पैरा एथलीटों को उनके अपने खर्चे पर ऑस्ट्रेलिया ले गया था जिसके लिये बाद में राशि दे दी गयी थी. उन्होंने कहा, ‘ ‘अपने खर्चे पर जाना और बाद में राशि लेना पहली बार नहीं हुआ है. कमलजीत साल के शुरू में भी पैरा एथलीटों को ऑस्ट्रेलिया ले गये थे. ‘ ‘
देश के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदकधारी अभिनव बिंद्रा ने सोशल मीडिया पर इस धटना पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने लिखा, ‘ ‘भविष्य में हम इस तरह की भागीदारी को प्रेरित नहीं करेंगे। हम अपने पैरा एथलीटों की सलामती के लिये काम करते हैं. हम नहीं चाहते कि इस तरह की घटना भविष्य में हो. ‘ ‘ बिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘ ‘यह अस्वीकार्य है. लोगों को जवाबदेह होना चाहिए। ‘ ‘ उन्होंने यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री विजय गोयल को टैग किया.
भारतीय डेविस कप कप्तान महेश भूपति और एक अन्य खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी. कई बार के ग्रैंडस्लैम विजेता भूपति ने कहा, ‘ ‘भारत में हर खिलाड़ी की कहानी में किसी न किसी स्तर पर ‘बाधाओं से निकलने ‘ की बातें होती हैं लेकिन यह काफी शर्मसार करने वाली है. ‘ ‘
देववर्मन ने लिखा, ‘ ‘काफी हैरानी भरी खबर है. हम जिस तरह से खेलों को लेते और इन्हें चलाते हैं, उसमें काफी बदलाव करने की जरुरत है. यह मौजूदा प्रणाली शर्मनाक है. ‘ ‘ खेल मंत्री गोयल ने कहा कि वह मामले को देखेंगे. उन्होंने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, ‘ ‘मुझे सूचना मिली है कि फंड साई द्वारा एवाईएएसमिनिस्टरी की ओर से परालंपिक समिति को जारी किये गये थे.
पीसीआई से पता करने की कोशिश कर रहा हूं कि समस्या कहां थी. मैंने अपने मंत्रालय को इस प्रकरण के कारण देखने के लिये निर्देश दिया है और इसके बाद ही मामले पर टिप्पणी करुंगा. ‘ ‘

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