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योगेश्वर की निगाह फिटनेस तथा राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों पर

नयी दिल्ली : पिछले एक साल से किसी भी टूर्नामेंट में भाग नहीं लेने वाले ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त अभी अपना पूरा ध्यान फिटनेस पर दे रहे हैं ताकि वह अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भाग ले सकें. योगेश्वर पिछले कुछ वर्षों में चोटों से जूझते रहे हैं और […]

नयी दिल्ली : पिछले एक साल से किसी भी टूर्नामेंट में भाग नहीं लेने वाले ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त अभी अपना पूरा ध्यान फिटनेस पर दे रहे हैं ताकि वह अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भाग ले सकें.

योगेश्वर पिछले कुछ वर्षों में चोटों से जूझते रहे हैं और इसलिए वह पिछले साल रियो ओलंपिक के बाद से किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया है लेकिन उन्होंने अभी बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने की अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी है.

योगेश्वर ने आज यहां द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच कैप्टेन चांदरुप की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा, मैं अभी अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूं और इसके लिये हर रोज सुबह शाम कम से पांच घंटे अभ्यास करता हूं लेकिन यह सब मैं अपनी फिटनेस के लिये कर रहा हूं क्योंकि मैं पिछले कुछ समय से चोटों से जूझता रहा हूं और इसलिए अभी मेरी प्राथमिकता अपनी फिटनेस बनाये रखना है.

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लंदन ओलंपिक में 60 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले इस 34 वर्षीय पहलवान ने कहा, अगले साल राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल हैं और अगर मैं फिट होता हूं तो इन दोनों में भाग लूंगा. अभी मैंने तोक्यो ओलंपिक के बारे में कुछ नहीं सोचा है.

भारतीय पहलवानों की अगली परीक्षा अब पेरिस में इसी महीने के आखिर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में होगी. योगेश्वर ने कहा कि रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और और एक अन्य महिला पहलवान विनेश फोगाट के अलावा पुरुष वर्ग में बजरंग पूनिया, संदीप तोमर और प्रवीण राणा से पदक की उम्मीद की जा सकती है.

उन्होंने कहा, बजरंग पूनिया, संदीप तोमर, प्रवीण राणा हमारे पास सीनियर वर्ग में अच्छे खिलाड़ी हैं. इनसे विश्व चैंपियनशिप में पदक की उम्मीद है. लड़कियों में विनेश और साक्षी हैं जो पदक जीत सकती हैं. इन सभी से हमें अगले ओलंपिक में पदक की उम्मीद रहेगी.

योगेश्वर और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार तोक्यो ओलंपिक में भाग ले पाएंगे या नहीं यह पक्का नहीं है. लेकिन योगेश्वर को विश्वास है कि भारत का पिछले तीन बार से ओलंपिक में पदक जीतने का अभियान बरकरार रहेगा क्योंकि देश में प्रतिभा की कमी नहीं है. उन्होंने कहा, अभी विश्व जूनियर चैंपियनशिप में हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा है. हमारे खिलाडियों ने वहां पदक जीते हैं. हमने तीनों वर्गों फ्रीस्टाइल, ग्रीको रोमन और महिला कुश्ती में पदक जीते.

विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने का मतलब है कि हमारे पास प्रतिभा है. अगर यही खिलाड़ी मेहनत करते हैं और उन्हें सही तरह से प्रशिक्षण लेते हैं तो यही खिलाड़ी सीनियर वर्ग में आएंगे. योगेश्वर ने कहा, ‘ ‘हमने लगातार तीन ओलंपिक में पदक जीते हैं और हमारे पहलवान लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. अब हम किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जाते हैं तो पदक जरुर हासिल करते हैं जिससे पता लगता है कि हमारी कुश्ती सही दिशा में आगे बढ़ रही है. मुझे पूरा विश्वास है कि ओलंपिक में पदक जीतने का सिलसिला आगे भी बदस्तूर जारी रहेगा.

उन्होंने कैप्टेन चांदरुप के भारतीय कुश्ती में योगदान को भी याद किया. योगेश्वर ने कहा, कैप्टेन साहब, गुरु हनुमान, मास्टर चंदगीराम जैसे प्रशिक्षकों की वजह से हम आज कुश्ती में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. तब सरकारी सुविधाएं भी नहीं थी लेकिन इन लोगों ने अपने समर्पण से कुश्ती को इस मुकाम पर पहुंचाया. देश को पांच ओलंपियन देने वाले कैप्टेन चांदरुप का इसी वर्ष दो मई को 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था.

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