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उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज पोर्टल लांच किया

नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज पोर्टल लांच किया जो देश के प्रत्येक कोने से खेल प्रतिभा खोज निकालने की सरकार की पहल है. इस पहल के तहत कोई भी बच्चा या उसके माता पिता, शिक्षक या कोच उसका बायोडाटा या वीडियो पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. […]

नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज पोर्टल लांच किया जो देश के प्रत्येक कोने से खेल प्रतिभा खोज निकालने की सरकार की पहल है. इस पहल के तहत कोई भी बच्चा या उसके माता पिता, शिक्षक या कोच उसका बायोडाटा या वीडियो पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. खेल मंत्रालय प्रतिभावान खिलाडियों को चुनेगा और उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्रों में ट्रेनिंग देगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने ‘मन की बात ‘ रेडियो कार्यक्रम में पोर्टल के लांच का जिक्र किया था. इस मौके पर नायडू ने कहा कि बुनियादी ढांचा और ट्रेनिंग सुविधाएं तथा अकादमियों की स्थापना भारत को मजबूत खेल राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण होंगी.

उन्होंने कहा, हमें सभी राज्यों में खेलों के लिए अच्छा बुनियादी ढांचा तैयार करने की जरुरत है और कम उम्र से ही खेल प्रतिभाओं को निखारना होगा. हमें देश के प्रत्येक हिस्से में अधिक ट्रेनिंग अकादमियों और कोचिंग केंद्रों की जरुरत है जिससे हमारे युवा पुरष और महिलाएं खेल सितारे और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनें.

नायडू ने कहा, टीम खेल के रुप में क्रिकेट और हाकी के अलावा खेल में हमें अधिकांश सफलता व्यक्तिगत प्रयास और शानदार प्रदर्शन से मिली। इसमें राज्य के प्रोत्साहन और संरक्षण की भूमिका नहीं थी. इसमें बदलाव होना चाहिए। सानिया मिर्जा, पीवी सिंधू, साइना नेहवाल, पीटी उषा, मिल्खा सिंह या अभिनव बिंद्रा, इन सभी ने स्वयं सफलता हासिल की और राष्ट्र को इन पर गर्व है. पोर्टल के बारे में नायडू ने कहा, राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज पोर्टल का मंच बदलाव लाने वाला होगा और युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय तथा भारतीय खेल प्राधिकरण को सर्वश्रेष्ठ खिलाडियों को चुनने की सुविधा देगा.

नायडू ने कहा, दुनिया की जनसंख्या का सातवां हिस्सा होने के कारण हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, विशेषकर 45 करोड़ से अधिक युवाओं की मौजूदगी के कारण. हमारे पास प्रतिभा है लेकिन इसे निखारने के लिए हमें मजबूत प्रणाली बनानी होगी जिससे उनकी पहचान हो और उन्हें निखारा जा सके और विश्व चैंपियन बनाया जा सके.

नायडू ने कल विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, सिंधू ने दिखाया है कि भारत शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकता है. उसे निराश नहीं होना चाहिए (फाइनल में हार के बावजूद). उसने साबित किया है कि वह भविष्य की पीढ़ी के लिए आदर्श है. खेल मंत्री विजय गोयल ने उम्मीद जताई कि इस पहल से देश में प्रतिभावान बच्चों की पहचान करने में मदद मिलेगी.

गोयल ने बताया कि मंत्रालय ने आठ साल के लिए पांच लाख रपये की 1000 छात्रवृत्तियां भी शुरू करने का फैसला किया है. बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के भारत के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर गोयल ने कहा, महिलाएं पुरषों से आगे निकल गई हैं (खेलों में). फिर चाहे रियो ओलंपिक हो या बैडमिंटन, महिलाएं पुरषों से बेहतर कर रही हैं. सिंधू ने विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जबकि साइना नेहवाल ने कांस्य पदक जीता.

गोयल ने कहा, मैं थोड़ा दुखी हूं क्योंकि अगर वह (सिंधू) जीत दर्ज करती तो भारत को पहला बैडमिंटन विश्व चैंपियन मिलता. लेकिन मैं कहूंगा कि सिंधू और साइना नेहवाल ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और उनकी ओर से कोई कमी नहीं थी. उन्होंने कहा कि भारतीय खेलों के विकास में भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय खेल महासंघों सहित सभी हितधारकों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए.

गोयल ने इस बारे में कोई भी संकेत देने से इनकार कर दिया कि महान हाकी खिलाड़ी ध्यान चंद को इस साल देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए चुना जाएगा. उन्होंने कहा, भारत रत्न की घोषणा करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. मैं समझ सकता हूं कि जो भी फैसला करना होगा प्रधानमंत्री करेंगे. जो भी भूमिका है वह प्रधानमंत्री की है.

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