भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी निक्की प्रधान से खास बातचीत, जैसे ही चीन ने गोल मिस किया, सभी खिलाड़ी खुशी से झूम उठे

दिवाकर सिंह @ रांची life.ranchi@prabhatkhabar.in एशिया कप हॉकी में भारतीय महिला हॉकी टीम चीन को फाइनल में हरा कर चैंपियन बनी. पेनाल्टी शूटआउट से फाइनल मैच का फैसला हुआ. फाइनल के रोमांचक क्षण के बारे में टीम की सदस्य झारखंड की निक्की प्रधान ने बताया कि मैच का पूरा समय समाप्त होने तक रोमांच बना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2017 1:01 PM
दिवाकर सिंह @ रांची
life.ranchi@prabhatkhabar.in
एशिया कप हॉकी में भारतीय महिला हॉकी टीम चीन को फाइनल में हरा कर चैंपियन बनी. पेनाल्टी शूटआउट से फाइनल मैच का फैसला हुआ. फाइनल के रोमांचक क्षण के बारे में टीम की सदस्य झारखंड की निक्की प्रधान ने बताया कि मैच का पूरा समय समाप्त होने तक रोमांच बना रहा और दोनों टीमों ने बढ़त लेनी की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. फाइनल मैच के उतार-चढ़ाव के बारे में निक्की प्रधान ने प्रभात खबर से विशेष बात की.
आखिरी 10 मिनट में बढ़ गया रोमांच
निक्की प्रधान ने बताया कि फाइनल मैच के फर्स्ट हाफ में हमने एक गोल कर बढ़त ले ली. इसके बाद पूरी टीम की कोशिश रही कि किसी तरह हम दूसरा गोल करें और हमें बढ़त मिले, लेकिन हमारी कोशिश सफल नहीं रही और मैच के लास्ट क्वार्टर से 10 मिनट पहले ही चीन ने एक गोल कर मैच को बराबरी पर कर दिया. इसके बाद जो 10 मिनट बचे, उसमें सभी खिलाड़ियों ने अपनी ताकत के साथ आक्रमण किया. वो 10 मिनट सबसे अधिक रोमांचक थे. उस समय दोनों टीमों के बीच आर-पार की लड़ाई जारी थी. मैच समाप्त होने तक दोनों टीमें एक-एक गोल की बराबरी पर थीं.
पेनाल्टी शूट आउट के समय बढ़ गयी थी धड़कनें
निक्की ने बताया कि हमारी टीम ने पेनाल्टी शूट आउट के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन चीन के एक गोल करने के बाद मैच ड्राॅ हो गया. इसके बाद हमें पेनाल्टी शूट आउट मिला. दोनों टीमें पहले चार-चार गोल से बराबरी पर थीं. उस समय हमारी पूरी टीम की धड़कनें बढ़ गयी थीं. हालांकि हमसे एक गोल मिस हुआ था. इसके बाद हमारे कोच हरेंद्र सर गोलकी के पास गये और उसे कहा कि खुद पर विश्वास रखो और खेलो. जब फिर एक-एक गोल करने का मौका मिला, तो हमारी टीम ने एक गोल कर बढ़त ले ली, लेकिन चीन की टीम गोल करने से चूक गयी. इसके बाद तो पूरी टीम दौड़ते हुए गोलकी के पास पहुंची और चीयर किया. एक दूसरे को बधाई दी. वो पल मेरी लाइफ और करियर का सबसे यादगार पल बन गया और हमेशा मुझे याद रहेगा.

फाइनल के लिए नहीं थी कोई विशेष तैयारी
निक्की प्रधान ने बताया कि फाइनल मैच में चीन से खेलने के लिए हमने कोई विशेष तैयारी नहीं की थी. हमारे कोच हरेंद्र सर ने केवल हमें इतना कहा था कि अपने बेसिक पर फोकस करो और इसके साथ ही मैदान में उतरो. इसके साथ ही खुद पर विश्वास करो और खेलने में कोई कसर नहीं छोड़ो. बस इसी तैयारी के साथ हम फाइनल खेलने उतरे. हालांकि फाइनल में चीन के साथ मुकाबला आसान नहीं था. बाकी लीग मैच हमारे लिए बहुत मुश्किल नहीं रहे और हम जीतकर आगे बढ़ते रहे.
वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाइ करना था हमारा टारगेट
हमारी टीम का एक ही टारगेट था कि एशिया कप हॉकी का फाइनल मैच जीतो और वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई करो. इसी टारगेट के साथ हम खेलने उतरे और जीते भी. पूरी टीम ने मेहनत की और हमे सफलता मिली. सभी खिलाड़ियों ने अपना बेहतर खेल दिखाया. हमारी पूरी टीम के लिए ये सबसे बेहतर टूर्नामेंट रहा और इससे आगे आने वाले टूर्नामेंट खेलने में मदद मिलेगी.

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